Ayodhya: अयोध्या में 22 जनवरी को राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा की तैयारियां चल रही हैं। उससे पहले तीर्थ नगरी में कई सांस्कृतिक कार्यक्रम, पारंपरिक लोक कला और आध्यात्मिक कार्यक्रम चल रहे हैं। इसी सिलसिले में उत्तराखंड की एक महिला मंडली राम लीला कर रही है।
ये महिलाएं उत्तराखंड के अलग-अलग जिलों की शौकिया थिएटर कलाकार हैं। सभी अयोध्या में राम लीला के लिए मंडली के रूप में आई हैं। राम लीला के लिए उत्तराखंड विश्व हिंदू परिषद के एक पदाधिकारी ने राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय से इजाजत ली है। मंडली में करीब 50 महिलाएं हैं, राम, लक्ष्मण और रावण जैसे पुरुष पात्रों का किरदार भी महिलाएं ही निभाती हैं, महिला मंडली अयोध्या में 22 जनवरी तक राम लीला करेगी।
थिएटर कलाकारों का कहना है कि “सुबह हम पहले योग करते हैं उसके बाद अपना ये काम करते हैं जो जॉब वाले भी हैं मैं पेशे से टीचर हूं। आज कल हमारी विंटर वेकेशन हैं तो इस लिए हम आजकल यहां हम रामलीला कर रहे हैं। ये हमारा संकल्प था कि 14वीं रामलीला हम अयोध्या में करेंगे। ये सौभाग्य की बात है हमारे रामलला भी यहां विराजमान हो रहे हैं।
उनका कहना है कि “पूजनीय बाऊजी चंपत राय जी से मुलाकात हुई। उनसे निवेदन किया तो पहले तो आश्चर्यचकित हुए कि महिलाएं रामलीला करने वाली हैं। बड़ा अजीब सा विषय था उनके लिए पहली बार ऐसा विषय सामने आया महिलाएं रामलीला करेंगीं। और वो भी 750 किलोमीटर नीचे आकर। बड़ा मुश्किल व्यवस्थाएं है। हमने कहां बाऊजी व्यवस्थाएं के साथ आपके सामने आए हैं इससे बात आगे बढ़ी। बाऊजी जी आशीर्वाद दिया कहने लगे ठीक है। मैं रहने की और भोजन की व्यवस्था करूंगा। बाकी रामलीला की जो व्यवस्था है वो आप लोग देखें। उनके आशीर्वाद से हम सफल हुए।”
इसके साथ ही कहा कि “हमने 13 रामलीला वहां कर दी हैं। तो हमारा संकल्प था जब अयोध्या में राम मंदिर बनेगा और प्राण प्रतिष्ठा होगी तो उस टाइम पर हम उस समय पर रामलीला यहां करेंगे। तो हम ये शुरू में पहले रामलीला कर रहे हैं यहां पर ये हमारा संकल्प आज पूरा हो गया भगवान राम की कृपा हुई। हमारे माननीय प्रधानमंत्री जी उनका और योगी जी मोदी जी सबकी कृपा से ये हमारा ये संकल्प पूरा होने जा रहा है।”