Jaishankar: विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भारत और नाइजीरिया के बीच छठी संयुक्त आयोग की बैठक की सह-अध्यक्षता की, उन्होंने कहा कि दोनों देशों के लोगों के बीच संबंध मजबूत करने के साथ-साथ एनर्जी, मोबिलिटी और कांसुलर कोऑपरेशन सहित कई सेक्टरों में कोशिशों को बढ़ाने पर सहमति बनी।
भारत-नाइजीरिया संयुक्त आयोग की बैठक में दोनों देशों के बीच ऊर्जा, बिजली, नवीकरणीय ऊर्जा, परिवहन, स्वास्थ्य सेवा, फिनटेक, कृषि और सुरक्षा जैसे सेक्टरों में अवसरों पर भी चर्चा हुई। विदेश मंत्री एस. जयशंकर युगांडा में गुट निरपेक्ष आंदोलन (एनएएम) शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के बाद अबुजा पहुंचा थे।
भारत और नाइजीरिया के राजनयिक संबंधों का जिक्र करते हुए विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि दोनों देश पीपुल टू पीपुल एक्सचेंज, मोबिलिटी और कॉन्सुलर कोऑपरेशन को मजबूत करने पर भी सहमत हुए हैं, इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भारत और नाइजीरिया बहुपक्षीय संबंधों में भी करीब से सहयोग करते हैं और दोनों देश उस परंपरा को आगे बढ़ाएंगे।
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने सितंबर 2023 में दिल्ली में हुए जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान नाइजीरिया के राष्ट्रपति टीनुबू की मौजूदगी को याद किया, विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने ये भी कहा कि भारत और नाइजीरिया के बीच संबंध ऐतिहासिक मित्र से लेकर रणनैतिक साझेदार बनने तक बढ़े हैं।
इससे पहले विदेश मंत्री जयशंकर ने दो बिजनेस फोरम बैठकों और नाइजीरियाई थिंक टैंक बैठक को संबोधित किया, उन्होंने भारतीय समुदाय से मुलाकात की और महात्मा गांधी की प्रतिमा का अनावरण किया। प्रवासी भारतीयों से मिलने के बाद उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया कि “अबुजा में भारतीय उच्चायोग का दौरा किया। महात्मा गांधी की प्रतिमा का अनावरण किया और उच्चायोग परिसर में एक पौधा लगाया। इस अवसर पर शामिल होने के लिए भारतीय समुदाय के सदस्यों को धन्यवाद।”
उन्होंने कहा कि “भारत और नाइजीरिया लॉन्ग स्टैंडिंग और फ्रेंडली संबंध साझा करते हैं जो कई मायनों में इतिहास में मौजूद है। हम दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र हैं और जैसा कि मंत्रियों ने कहा कि हम अपने महाद्वीपों में भी लीडर हैं। नाइजीरिया के साथ हमारा संबंध पुराना है, आपकी स्वतंत्रता से पहले भी हमारी राजनयिक मौजूदगी थी। हाल के वर्षों में, हमारी लीडरशिप की कोशिशों से इसमें नयापन लाया गया है।”