Delhi: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने युवाओं को इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसों के ज्यादा इस्तेमाल से आगाह करते हुए सोमवार को कहा कि इससे लोगों में सेहत से जुड़ी मुश्किलें बढ़ रही हैं। राष्ट्रपति ने बच्चों से कम से कम एक खेल से जुड़ने का आग्रह किया, इस बार यह बाल पुरस्कार असाधारण बहादुरी, कलात्मक कौशल, नई सोच और निस्वार्थ सेवा के लिए 18 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 19 बच्चों-नौ लड़कों और 10 लड़कियों-को दिया गया।
राष्ट्रपति ने टेक्नोलॉजी के सही इस्तेमाल की जरूरत पर जोर दिया। शैक्षिक और व्यक्तिगत विकास के लिए बच्चों के टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल करने की तारीफ करते हुए राष्ट्रपति ने ‘डीप-फेक’, फाइनेंशियल फ्रॉड और बाल शोषण जैसी चिंताओं का जिक्र किया और इसे लेकर उन्हें आगाह किया।
राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि सोशल मीडिया, संचार और जागरूकता के लिए पावफुल टूल हैं लेकिन इसका गलत इस्तेमाल अफवाहें फैलाने के लिए भी किया जाता है। उन्होंने कहा कि इनसे सावधान रहने और ऐसी गतिविधियों से बचना जरूरी है क्योंकि एक गलत कदम उनके भविष्य को खतरे में डाल सकता है, उन्होंने युवाओं से खेलों से जुड़ने का आह्वान भी किया।
राष्ट्रपति मुर्मू ने छह श्रेणियों में बाल पुरस्कार दिए। इनमें कला और संस्कृति के लिए सात, बहादुरी के लिए एक, इनोवेशन के लिए एक, साइंस और टेक्नोलॉजी के लिए एक, सामाजिक सेवा के लिए चार, और खेल के लिए पांच बच्चों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार-2024 दिए, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पुरस्कार विजेता बच्चों के साथ मंगलवार को बातचीत करेंगे।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बताया कि “सोशल मीडिया जहां एक ओर अपनी बात रखने, किसी मुद्दे पर लोगों में जागरूकता फैलाने का एक सशक्त माध्यम है, वहीं दूसरी ओर अफवाह फैलाने में भी इसका दुरूपयोग हो रहा है। इसीलिए आपको सचेत रहना है और गलत कामों से दूर रहना है क्योंकि एक गलत कदम आपके भविष्य को खतरे में डाल सकता है।”
उन्होंने कहा कि “मोबाइल, लैपटॉप और टेलीविजन जैसे साधनों में बहुत अधिक समय लगाने से आज की पीढ़ी की फिजिकल एक्टिविटीज कम हो रही हैं। इससे कई बीमारियां जो बच्चों और युवाओं में कम होती थीं, आज बढ़ रही हैं। इसीलिए, मैं युवाओं से ये अपील करती हूं कि आप कम से कम एक खेल जरूर सीखें और उसमें भाग लें। आप खेल को करियर के रूप में भले ही न अपनाएं लेकिन खेल-कूद आपको शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रखते हैं। इससे आपमें टीम भावना विकसित होती है और आप स्वस्थ प्रतिस्पर्धा के लिए भी तैयार होते हैं।”
इसके साथ ही कहा कि “पर्यावरण प्रदूषण और ग्लोेबल वार्मिंग के बढ़ते प्रभाव ने पूरे विश्व को बहुत चिंतित कर रखा है। भारत ग्रीन हाइड्रोजन, सोलर एनर्जी, बायो फ्यूल जैसे वैकल्पिक ऊर्जा के स्त्रोतों को बढ़ावा देकर क्लीन और ग्रीन विश्व के निर्माण में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। सरकार लाइफ को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन इन प्रयासों में सबका साथ आवश्यक है, मेरा मानना है कि बचपन की अच्छी आदतें जीवन भर साथ रहती हैं। इसीलिए आप सब को मेरी सलाह है कि आप अभी से ही ऐसी जीवन शैली अपनाएं जो पर्यावरण अनुकूल हो, जिससे धरती माता पर कम से कम दबाव पड़े। प्राकृतिक संसाधनों का समुचित उपयोग और संरक्षण आपके भविष्य को बेहतर बनाएगा।”