New Delhi: दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री ने एलएनजेपी अस्पताल में कोविड तैयारियों का लिया जायजा

New Delhi: दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने एलएनजेपी अस्पताल का दौरा किया और कोविड​​-19 से निपटने की तैयारियों का जायजा लिया। उन्होंने कहा कि हम किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है। भारद्वाज ने बताया कि अस्पताल के बाहर आरटीपीसीआर टेस्टिंग की व्यवस्था की गई है। स्वास्थ्य सुविधा में आधुनिक उपकरण हैं। उन्होंने कहा कि फिलहाल अस्पताल (एलएनजेपी) में कोई भी कोविड मरीज भर्ती नहीं है।

उन्होंने कहा कि “दिल्ली और देश भर में कोविड लहर के दौरान देखी गई ऑक्सीजन की कमी के बाद, अस्पताल में अब एक सेंट्रलाइज सिस्टम के माध्यम से पाइप से ऑक्सीजन की आपूर्ति की जाती है।” यह पूछे जाने पर कि क्या दिल्ली सरकार कोविड मरीजों के लिए बेड रिजर्व करने की योजना बना रही है, मंत्री ने कहा कि वर्तमान में शहर में संक्रमण के कारण केवल चार लोग अस्पताल में भर्ती हैं।

उन्होंने कहा कि “यदि आप बेड रिजर्व करते हैं, तो वो मरीज कहां जाएंगे जिनकी सर्जरी होनी है या जो स्ट्रोक या दिल के दौरे से पीड़ित हैं? हम स्थिति पर नजर रख रहे हैं और जरूरत पड़ी तो बेड रिजर्व करेंगे। पूरी दिल्ली केवल चार मरीज हैं जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है।” बाद में एक बयान में उन्होंने कहा कि एलएनजेपी अस्पताल में कोविड मरीजों के लिए लगभग 20 बेड वाला एक अलग वार्ड बनाया गया है और कोविड से निपटने के लिए सभी जरूरी इंतजाम किए गए हैं।

दिल्ली में बुधवार को 52 साल की एक महिला में कोविड-19 सब-वेरिएंट जेएन-वन का पहला सामने आया है। उसे कोविड से बचाव का टीका लगाया गया था। स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि दिल्ली सरकार के अधीन सभी अस्पतालों को कोविड-19 से निपटने की तैयारी बनाए रखने के निर्देश जारी किए गए हैं।

उन्होंने कहा, “दिल्ली में फिलहाल कोई चिंताजनक स्थिति नहीं है, लेकिन एहतियात के तौर पर सभी अस्पतालों को तैयार रहने के निर्देश दिए गए हैं। ताकि भविष्य में किसी भी आपात स्थिति से अच्छे से निपटा जा सके।” मंत्री ने कहा कि “हमें उम्मीद है कि ऐसी कोई समस्या नहीं होगी, लेकिन हमारे लिए अलर्ट रहना जरूरी है। इसलिए सभी अस्पतालों को अपनी तैयारी बनाए रखने के निर्देश दिए गए हैं।”

सौरभ भारद्वाज ने कहा कि अगर किसी अस्पताल में कोई लापरवाही मिली तो उसके प्रशासन के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इससे पहले, एलएनजेपी अस्पताल के चिकित्सा निदेशक डॉ. सुरेश कुमार ने कहा, “घबराने की कोई बात नहीं है। ये (जेएन-वन) ओमीक्रॉन का एक सब-वैरिएंट है। इसके लक्षण हल्के होते हैं और शायद ही कभी लोगों को गंभीर संक्रमण होता है। हालांकि, जिन लोगों को डायबिटीज है, लीवर संबंधित बीमारी है या डायलिसिस पर हैं, उन्हें लक्षण दिखने पर खुद का टेस्ट जरूर करवाना चाहिए।”

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