Varanasi: वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर के गर्भगृह के आसपास तैनात सुरक्षाकर्मी “सनातनी” पोशाक में दिखाई देंगे। श्रद्धालुओं की बढती संख्या को देखते हुए मंदिर में “नो-टच” पॉलिसी लागू की गई है। मंदिर में आने वाले कई भक्तों ने पुलिसकर्मियों पर मनमानी का आरोप लगाया था, जिसके बाद ये कदम उठाया गया है।
मंदिर के अधिकारियों का मानना है कि “खाकी” पुलिसकर्मियों की तुलना में “सनातनी” पोशाक भक्तों को ज्य़ादा पसंद आएगी। वाराणसी एसडीएम शंभू शरण ने कहा, “गर्भगृह के चारों दरवाजों पर पुरुष सुरक्षाकर्मी धोती-कुर्ता और महिला सुरक्षाकर्मी साड़ी पहनेंगी। इससे वो पुजारी की तरह दिखेंगे और श्रद्धालुओं को लगेगा कि मंदिर के पुजारी हैं और पुजारी ही उनसे अनुरोध कर रहे हैं।”
उन्होंने कहा कि “नो-टच पॉलिसी के तहत सुरक्षाकर्मी किसी को छुए बिना लोगों की भीड़ को मैनेज करेंगे। सुरक्षाकर्मियों का कहना है कि “श्रद्धालुओं को मनाना सर, भारी भीड़, यहां पर देश-विदेश काफी जगह से लोग आते हैं। काफी संख्या में भारी मात्रा में भीड़ होती चली जा रही है, हो भी रही है और उससे हम लोग अच्छे से सुगम दर्शन कराते हुए, श्रद्धालुओं को दिखाते हुए, बाबा का दर्शन कराते हुए, बताते हुए कि बाबा का यहां पर है। दर्शन कराते हुए, उनके गंतव्य को यहां से बताना है कि आप इस रास्ते से बाहर निकलते हुए बाहर को जाएं।”
वाराणसी एसडीएम ने बताया कि “बाबा में विश्वास लोगों का इतना जबरदस्त है तो जो भी दर्शनार्शी आते थे वो पहले एक शिकायत रहती थी कि पुलिस के द्वारा उनसे दुर्व्यवहार किया जा रहा है या जल्दी से उनको हटा दिया जा रहा है, तो उस व्यवस्था के तहत जो नई व्यवस्था लागू की गई है वो नो टच पॉलिसी है, यानि कोई भी पुलिसकर्मी गर्भगृह के पास में हाथ से टच करके आगे जाने के लिए नहीं कहेगा। सम्मानपूर्वक ढंग से उनको आगे बढने के लिए, बातों से या लाउड हिलर के माध्यम से उनसे अनुरोध करके हटाया जाएगा।”