New Delhi: केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि कंटेंट की गोपनीयता के बारे में शिकायतों से तुरंत निपटने के लिए उनके मंत्रालय और मुंबई में सीबीएफसी में नोडल अधिकारी तैनात किए गए हैं।
अनुराग ठाकुर ने कहा, “भारत में पाइरेसी के कारण सालाना 20-25 हजार करोड़ रुपये का नुकसान होता है। कंटेंट क्रिएटरों- पर इसका सबसे ज्यादा असर पड़ रहा है। क्योंकि कंटेंट बनाने में कई साल लग जाते हैं और जो इसकी पाइरेसी करते हैं, वे इसका इस्तेमाल कर करोड़ों कमाते हैं। सरकार इसके खिलाफ कार्रवाई कर रही है। पीएम मोदी के नेतृत्व में इसके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए संसद में विधेयक पारित किया गया और पूरे उद्योग जगत ने इस कदम का स्वागत किया। अब, मंत्रालयों और मुंबई में केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड मुख्यालय में नोडल अधिकारी नियुक्त किए गए हैं।”
इसके साथ ही “क्षेत्रीय केंद्रों में भी नोडल अधिकारी नियुक्त किए गए हैं। इससे किसी भी शिकायत पर तुरंत कार्रवाई करना और पाइरेसी में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करना आसान हो जाएगा।” नोडल अधिकारियों की नियुक्ति जुलाई में संसद में पारित सिनेमैटोग्राफ (संशोधन) विधेयक 2023 के तहत की गई है।
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अनुराग ठाकुर ने बताया कि “यह माना जाता है कि भारत में 20 से 25 हजार करोड़ रूपये का सालाना नुकसान होता है पाइरेसी के कारण और इसमें जो कंटेंट क्रिएटर्स हैं, उनकों सबसे बड़ी मुश्किल आती है कि बनाने में सालों लग जाते हैं और चुराने वाले चंद मिनट में चुराते भी हैं, दुनिया में दिखाते हैं और करोड़ों कमाते हैं। इसके खिलाफ कार्रवाई करते हुए सरकार ने मोदी जी के नेतृत्व में शुरूआत की और पार्लियामेंट में बिल पास किया सिनेमैटोग्राफ एक्ट और इसको पूरी इंडस्ट्रीज में बहुत स्वागत किया किया। अभी उसी के चलते नोडल ऑफिसर जो हैं, नियुक्त किए गए हैं। मंत्रालय में भी अब मंत्रालयों और मुंबई में केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड मुख्यालय में नोडल अधिकारी नियुक्त किए गए हैं। इसके अलावा, नोडल अधिकारी नियुक्त किए गए हैं क्षेत्रीय केंद्रों में भी नियुक्त किया गया है। इससे किसी भी शिकायत पर तुरंत कार्रवाई करना और पाइरेसी में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करना आसान हो जाएगा।”