America: अमेरिका ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश भारत का हिस्सा है, साथ ही कहा उसने कहा कि वो वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पार किसी भी इलाके पर दावे करने की कोशिशों का विरोध करता है। अमेरिका ने ये बात चीन के बयान के बाद कही है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नौ और 10 मार्च को अरुणाचल का दौरा किया था और इस दौरान 13 हजार फीट की ऊंचाई पर बनी सेला टनल का उद्घाटन किया था।
इसके बाद चीन ने 11 मार्च को प्रधानमंत्री मोदी के इस दौरे का विरोध करते हुए अरुणाचल को अपना हिस्सा बताया था, सेला टनल रणनैतिक रूप से तवांग तक हर मौसम में सीमा के करीबी इलाकों में सैनिकों के आने जाने में मददगार साबित होगी और इलाके में बेहतर कनेक्टिविटी देगी।
इस हफ्ते की शुरुआत में चीनी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता कर्नल झांग शियाओगांग ने कहा था कि जिजांग (चीन ने तिब्बत को जो नाम दे रखा है) का दक्षिणी भाग चीन के इलाके का हिस्सा है। अरुणाचल प्रदेश को दक्षिण तिब्बत कहने वाला चीन इस राज्य में भारतीय नेताओं के दौरों का विरोध करता रहा है। बीजिंग ने इस क्षेत्र को जांगनान नाम भी दे रखा है।
भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा था कि उसने चीनी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता के हालिया बयानों का संज्ञान लिया है जिनमें अरुणाचल प्रदेश के क्षेत्र पर गलत दावे किए गए हैं, जिनका कोई मतलब नहीं निकलता है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा था, है और हमेशा रहेगा। मंत्रालय ने कहा कि किसी भी दूसरे देश का भारत के हिस्से पर किसी तरह का कोई हक जताना पूरी तरह से गलत है।
अमेरिकी विदेश विभाग के प्रधान उप- प्रवक्ता वेदांत पटेल का कहना है कि “अमेरिका अरुणाचल प्रदेश को भारतीय क्षेत्र के रूप में मान्यता देता है और हम वास्तविक नियंत्रण रेखा के पार सैन्य या नागरिक घुसपैठ या अतिक्रमण क्षेत्रीय दावों को आगे बढ़ाने के किसी भी एकतरफा प्रयास का पूरी कड़ाई से विरोध करते हैं।”