Delhi Metro: ‘मोमेंटम 2.0’ वर्चुअल शॉपिंग ऐप लॉन्च, मिलेंगी यह सुविधाएं

Delhi Metro:  अगर आप फिल्म देखने या इंटरव्यू के लिए जाना चाहते हैं और अपने हैंडबैग या कैमरों को किसी जगह पर कुछ घंटों के लिए सुरक्षित रूप से रखना चाहते हैं, तो दिल्ली मेट्रो के यात्री अब 50 स्टेशनों पर डिजिटल लॉकर किराए पर लेकर ऐसा कर सकते हैं। इस डिजिटल लॉकर को एक मोबाइल ऐप के जरिये संचालित किया जाएगा। इस नए मोबाइल ऐप को बुधवार को लॉन्च किया गया।

अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली मेट्रो यात्रियों के लिए इस तरह की अनूठी सुविधाएं शुरू करने वाली देश की पहली मास रैपिड ट्रांजिट सिस्टम है। उन्होंने कहा कि ‘मोमेंटम 2.0’ ऐप यात्रियों को 20 मेट्रो स्टेशनों पर मौजूद ‘वर्चुअल स्टोर्स’ के माध्यम से सूचीबद्ध ई-कॉमर्स कंपनियों से ऑनलाइन खरीदारी करने, स्मार्ट बॉक्स (डिजी-लॉकर) के माध्यम से कूरियर भेजने और क्यूआर कोड-आधारित टिकट खरीदने की अनुमति देता है।

यात्रा से परे मेट्रो यात्रियों के अनुभव को बेहतर बनाने के लिए अत्याधुनिक मोबाइल एप्लिकेशन को बनाने में डेढ़ साल लग गए।दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) ने जून 2024 तक अपने अधिकांश स्टेशनों पर ‘वर्चुअल स्टोर’ और ‘डिजी-लॉकर’ सुविधाओं का विस्तार करने की योजना बनाई है।

दिल्ली मेट्रो का नेटवर्क 288 स्टेशनों के साथ 393 किलोमीटर तक फैला है, जिसमें नोएडा-ग्रेटर नोएडा कॉरिडोर और गुरुग्राम में रैपिड मेट्रो शामिल हैं, डीएमआरसी के प्रबंध निदेशक विकास कुमार ने शिवाजी स्टेडियम मेट्रो स्टेशन पर इस ऐप को औपचारिक रूप से लॉन्च किया।

इन मेट्रो स्टेशनों में राजीव चौक, मिलेनियम सिटी सेंटर गुरुग्राम, द्वारका सेक्टर 10, सुप्रीम कोर्ट, पुल बंगश, नेताजी सुभाष प्लेस, शहीद स्थल (नया बस अड्डा), दिलशाद गार्डन, नोएडा सिटी सेंटर, आनंद विहार, तुगलकाबाद, सरिता विहार, मूलचंद और आईपी एक्सटेंशन शामिल हैं।

इस ऐप का उपयोग करके, एक व्यक्ति इनमें से किसी भी स्टेशन पर कम से कम एक घंटे और छह घंटे तक लॉकर किराए पर ले सकता है। ऑटोपे पेमेंट सॉल्यूशन के संस्थापक अनुराग बाजपेयी ने पीटीआई-वीडियो को बताया कि डिजी-लॉकर को किराए पर देने की अवधि से ज्यादा समय सीमा पार करने पर जुर्माना लगाया जाएगा।

डीएमआरसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहना है कि भारतीय रेलवे के स्टेशनों पर ‘क्लॉक रूम’ सुविधा की तरह इन डिजी-लॉकरों के बारे में सोचें। उन्होंने कहा कि मेट्रो की डिजी-लॉकर सुविधा एक अत्याधुनिक ऐप से संचालित है जो यात्रियों को बेहतर अनुभव देता है, इन ‘स्मार्ट बॉक्स’ को ग्रिड फॉर्मेट में बनाया गया है। हर स्टेशन पर 83-90 डिजिटल लॉकरों का एक सेट है, जिसके सेंटर में एक कंसोल है।

बाजेपयी ने बताया कि डिजी-लॉकर किराए पर लेने के लिए, यूजर को ऐप के इंटरफ़ेस पर जाना होगा, जो ‘रेंट-ए-लॉकर’ का विकल्प दिखाता है, और एक बार इसे दबाने के बाद, ये यूजर को मेट्रो स्टेशन, तारीख, समय स्लॉट, किराए की अवधि और लॉकर के आकार का चयन करने को कहता है। उनके मुताबिक छोटे लॉकर का किराया 20 रुपये प्रति घंटा), मध्यम आकार के लॉकर का किराया 30 रुपये प्रति घंटा और बड़े आकार के लॉकर का किराया 40 रुपये प्रति घंटा रखा गया है।

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उन्होंने कहा कि डिजी-लॉकर के लिए भुगतान के बाद एक पिन नंबर जेनरेट होगा जो ऐप इंटरफ़ेस पर प्रदर्शित किया जाएगा। ये पैकेज के ड्रॉप और पिक-अप दोनों के लिए मान्य है। बाजपेयी ने कहा कि पैकेज छोड़ने के लिए यूजर को कंसोल के होम पेज से ‘ड्रॉप पैकेज’ टैब चुनना होगा और फिर अधिकृत पिन दर्ज करने के बाद डिजी-लॉकर बिना किसी मानवीय हस्तक्षेप के अपने आप खुल जाएगा।

उन्होंने कहा कि इस सिस्टम में कोई फिजिकल लॉक या चाबी नहीं है, ये डिजिटल प्लेटफॉर्म से चलने वाला सिस्टम है, ‘वर्चुअल स्टोर’ से ऑनलाइन खरीदारी करने के लिए, यूजर को मेट्रो स्टेशन पर सेट अप की दीवार पर प्रदर्शित क्यूआर कोड को स्कैन करने की आवश्यकता होती है और फिर ये उस स्टेशन के बारे में पूछेगा जिस पर डिलीवरी की जानी है।

इसके साथ ही आइटम ऑन सेल डिस्प्ले किया जाएगा और फिर भुगतान किया जा सकता है। उनके मुताबिक डेस्टीनेशन स्टेशन की जानकारी देना जरूरी है क्योंकि आइटम वहीं डिलीवर किया जाएगा। अधिकारी ने बताया कि आइटम को डिजी-लॉकर में रखा जाएगा, जहां से खरीदार इसे बाद में उठा सकते हैं।

ऐप की मदद से यूजर फूड आउटलेट या एटीएम की लोकेशन भी जान सकते हैं। साथ ही ये ऐप मेट्रो स्टेशनों पर उपलब्ध दुकानों, आउटलेट, कियोस्क और एटीएम के बारे में भी जानकारी देता है।

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