Cyber Crime: साइबर सिटी गुरुग्राम अब ‘साइबर क्राइम का केंद्र’ बन गया है। शहर में 2023 में साइबर क्राइम के लगभग 32 हजार मामले दर्ज किए गए हैं। गुरुग्राम पुलिस ने बताया कि ज्यादातर मामलों में लोगों से करोड़ों की ठगी की गई है। इसमें से 25 करोड़ रुपये से ज्यादा की वसूली हुई है, ये रकम शिकायत दर्ज कराने वाले लोगों को वापस कर दी गई है।
साउथ गुरुग्राम के डीसीपी सिद्धांत जैन ने बताया कि शहर की पुलिस ने सभी बैंकों से सख्त केवाईसी प्रक्रिया करने का आग्रह किया है ताकि कोई भी फर्जी आईडी प्रूफ दिखाकर खाता न खोल सके, लगभग 32 हजार साइबर से संबंधित कप्लेन हमें वर्ष 2023 में प्राप्त हुई थी और गुरुग्राम पुलिस के तत्पर प्रयासों द्वारा 25 करोड़ से अधिक रुपयों को जो ठगी के पैसे थे वो लोगों को वापिस दिलवाए गए हैं और जहां तक बात है लोगों को अवेयर करने की तो हर हफ्ते मंगलवार और रविवार को पैदल गस्त हमारे कर्मचारियों द्वारा की जाती है, जिसमें स्कूल, कॉलेज,मार्केट इत्यादि जगहों पर जाकर लोगों को साइबर अपराध से बचने के लिए तौर तरीके बताए जाते हैं और 1930 जो नेशनल क्राइम हेल्पलाइन है उस पर कॉल करने के लिए प्रेरित किया जाता है।
उन्होंने कहा कि “इस तरीके की घटनाएं मैं मना नहीं करता कि नहीं हो रही हैं पर जो फीडबैक के संबंध में आपने बात कही, हम बहुत ही गहनता से हर एक व्यक्ति जिसकी कंप्लेंट है चाहे लिखित में करी हो या चाहे 193 पर कॉल करके की हो, उसको वापस के कॉल करके पूछा जाता है कि भई आपने ने कंप्लेंट की थी क्या आप पुलिस कार्रवाई से संतुष्ट है कि नहीं है और उसकी रिकॉर्डिंग मेरे द्वारा स्वयं सुनी जाती है और यदि कोई व्यक्ति इस तरीके की कोई बात बताते है कि भई मैं पुलिस कार्रवाई से संतुष्ट नहीं हूं तो दूसरे अनुसंधानकर्ता को मार्क की जाती है और वापस से उस कंप्लेंट पर अनुसंधान किया जाता है और पूरा भरसक प्रयास यहीं रहता है कि जितना यथा संभव प्रयास हो सके शिकायतकर्ता को संतुष्ट किया जाए।”
डीसीपी ने बताया कि “कई बार क्या होता है कि अपराधी कुछ निम्न तबके के लोगों का अकाउंट खुलवा लेते हैं और उन अकाउंट को साइबर फ्रॉड के लिए इस्तमाल करते हैं, तो हमने बैंकों से ये अनुरोध किया है कि जो केवाईसी प्रोसेस है कि भई जो वीडियो इत्यादि प्रोसेस है उसको स्ट्रिक्ड किया जाए, जिससे को फर्जी आधार कार्ड वहैराह या कोई आईडी प्रूफ वीडियो में दिखाकर कोई अकाउंट न खुलवाले जिनका अंतत उपयोग साइबर फ्रॉड के लिए किया जाता है।”