नमिता बिष्ट
धार्मिक स्थालों पर जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए अच्छी खबर है। केदारनाथ, हेमकुंड साहिब के बाद अब अमरनाथ की यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं को पैदल नहीं चलना पड़ेगा। जी हां, सरकार श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए यहां पर भी रोपवे चलाने की योजना बना रही है। रोपवे निर्माण करने वाली नेशनल हाईवे अथारिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) की कंपनी नेशनल हाईवे लाजिस्टिक मैनेजमेंट लिमिटेड (एनएचएलएमएल) ने इस दिशा में काम भी शुरू कर दिया है। हालांकि अब सर्वे रिपोर्ट आने पर तय होगा कि वहां पर रोपवे निर्माण की कितनी संभावना है। किस रूट पर रोपवे बनाया जा सकता है। उसके बाद आगे की प्रक्रिया शुरू होगी।
आपको बता दें कि इससे पहले केदारनाथ, हेमकुंड साहिब धार्मिक स्थालों पर रोपवे निर्माण संबंधी प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। संभावना है तीन साल में रोपवे निर्माण पूरा हो जाएगा। इस तरह साल 2026 से केदारनाथ और हेमकुंड रोपवे से पहुंचा जा सकेगा। तो चलिए केदारनाथ, हेमकुंड साहिब रोपवे पर एक नजर डालते हैं।
केदारनाथ रोपवे पर एक नजर
रोपवे की कुल लंबाई 9.7 किमी होगी।
गौरीकुंड से शुरू होकर केदारनाथ पहुंचेगा।
कुल चार स्टेशशन बनेंगे।
केदानाथ के अलावा गौरीकुंड, चिरवासा और लिंटोली स्टेशन।
पूरे प्रोजेक्ट में 15 टॉवर बनेंगे।
1269 करोड़ रुपये अनुमानित लागत है।
हेमकुंड साहिब रोपवे पर एक नजर
रोपवे की कुल लंबाई 12.4 किमी होगी।
गोविंदघाट से शुरू होकर हेमकुंड साहिब पहुंचेगा।
कुल सात स्टेशन बनेंगे।
1162 करोड़ रुपये अनुमानित लागत है।
गोविंदघाट से भागडि़यां तक मोनो केबल और वहां से हेमकुंड साहिब तक ट्राइ केबल से 10 सीटों वाला डंगोला चलेगा।