Uttarkashi: गंगोत्री धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद, मां गंगा अपने मायके के लिए रवाना

Uttarkashi: भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित गोवर्धन पूजा उत्सव से जुड़े हिंदू धार्मिक अनुष्ठान ‘अन्नकूट’ के मौके पर आज गंगोत्री धाम के कपाट छह महीने के लिए भक्तों के लिए बंद कर दिए गए। गोवर्धन पूजा के पीछे मान्यता है कि भगवान श्रीकृष्ण ने देवराज इंद्र के प्रकोप से लोगों की रक्षा के लिए वृंदावन में गोवर्धन पर्वत को अपनी एक उंगली पर उठा लिया था।

भगवान श्रीकृष्ण का आभार जताने के लिए हर भक्त उनके पसंदीदा व्यंजन का भोग लगाता है, उन्हें चढ़ाए गए व्यंजन का ढेर पहाड़ जितना ऊंचा होता है, इसे ही अन्नकूट कहा जाता है। मान्यता यह भी है कि इस दिन मां गंगा मुखबा में अपने मायके की यात्रा शुरू करती हैं।

गंगोत्री से शुरू हुई मां गंगा की यात्रा रात्रि विश्राम के लिए मां चंडी देवी के मंदिर में रूकती है। ये यात्रा बुधवार को भाई दूज के मौके पर मां गंगा के मायके मुखबा पहुंचेगी। धाम के पुजारी राजेश सेमवाल का कहना है कि “11:45 पर शुभ मुहूर्त में मां गंगा जी का कपाट पूर्ण विधि विधान के साथ पूजा पाठ के साथ श्रद्धालु के छह माह के दर्शन हेतु बंद कर दिए गए हैं। अब अब मां गंगा के दर्शन शीतकालीन मठ मुखबा में होंगे और अगले वर्ष चैत तृतीया पर मां गंगा के यहां पर कपाट खुल जाएंगे।”

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इसके साथ ही पंच मंदिर समिति के अध्यक्ष रावल हरीश सेमवाल ने बताया कि “जो 14 नवंबर का पावन पर्व है उसमें अन्नकूट के पर्व पर अभी-अभी हमने मां गंगा की डोली को हमने विदा कर दिया है और आप समस्त देशवासियों को अखिल भारतीय के लोगों को मां गंगा का आशीर्वाद श्रीधाम गंगोत्री से प्राप्त हो। अब ये यात्रा मुख्य मठ की ओर प्रस्थान कर चुकी है और मुख्य मठ में मां गंगा के दर्शन होंगे बोलिए गंगा मैया की जय हो।”

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