नितिन जमलोकी
रुद्रप्रयाग। विकास के नाम पर उत्तराखंड के पहाड़ों में हो रहा बेतरतीब विकास विनाश साबित हो रहा है। इसके कई उदाहरण उत्तराखंड के अलग-अलग जिलों में दिख रहे हैं। चाहे वो जोशीमठ हो या ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल निर्माण की वजह से तबाह हो रहा रुद्रप्रयाग का मरोड़ा गांव। ये गांव इस बात की तस्दीक करते हैं कि पहाड़ों का विकास के नाम पर कितना दोहन किया जा रहा है। उदाहरण केवल दो दिए हैं, लेकिन ऐसे ही हालातों में खतरे की जद में दूसरे कई पहाड़ी शहर और कस्बे भी हैं।
बाबा केदार की नगरी रुद्रप्रयाग के कई गांव, शहर भी विकास की भेंट चढ़ रहे हैं। इनमें से एक गुप्तकाशी है। दरअसल, गौरीकुंड राष्ट्रीय राजमार्ग 107 पर कुंड के पास सिंगोली भटवाड़ी हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर प्रोजेक्ट का डैम साइट एरिया स्थित है। और यह स्थान लोगों के लिए काल साबित हो रहा है। क्योंकि इस क्षेत्र में पावर प्रोजेक्ट के बैराज से सटी सड़क पर कोई भी सुरक्षा के इंतजाम नही किए गए हैं। सड़क पर रेलिंग न होने से कई लोग यहां हादसे का शिकार हो जाते हैं। दूसरी तरफ कुंड से गुप्तकाशी की ओर जा रही सड़क की भी बड़ी दयनीय स्थिति बनी हुई है। यहां भूधंसाव होने के कारण सड़क पर खड्डे बने हुए हैं। जिससे वाहनों को चलाना तो दूर यहां पैदल चलना भी मुश्किल है।
केदारनाथ हाईवे पर बने इस डैम की वजह से आए दिन यहां हादसे होते रहते हैं। कुछ दिन पहले इस स्थान पर बाइक सवार की बैराज में गिरने से मौत हो गई थी। पहले भी कई बार हादसे हुए हैं। लोग बार-बार डीएम और अधिकारियों से शिकायत भी करते रहे हैं, लेकिन मजाल है जो किसी जिम्मेदार अधिकारी को फर्क पड़ा हो।
इस सम्बंध में ग्राम वासियों सहित स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने कई बार शासन प्रशासन और एलएंडटी कम्पनी को अवगत कराया है। लेकिन किसी के द्वारा यहां पर कोई उचित कार्यवाही नहीं की गई। स्थानीय जनता ने शासन प्रशासन और राष्ट्रीय राजमार्ग विभाग से यहां पर जल्द से जल्द सुरक्षा दीवाल लगाने की मांग कर रहे हैं।