नमिता बिष्ट
देहारदून। उत्तराखंड में सड़क हादसों में जान गंवाने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। सरकार और पुलिस प्रशासन के तमाम प्रयासों के बाद भी प्रदेश में ये आकंड़ा कम नहीं हो रहा है। सड़क हादसों पर राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो गृह मंत्रालय ने चौंकाने वाली रिपोर्ट जारी की है। जिसके मुताबिक प्रदेश में बीते साल की अपेक्षा इस साल सड़क हादसों में मरने वालों की संख्या में 7 फीसदी का इजाफा हुआ है। हैरान करने वाली बात तो ये है कि इनमें 68 फीसदी युवा शामिल हैं।
एक साल में 6.9 फीसदी बड़ा आंकड़ा
आंकड़ों पर गौर करे तो साल 2020 में प्रदेश में 1663 लोगों की सड़क हादसे में मौत हुई थी। जबकि 2021 में यह आकंड़ा 6.9 फीसदी की बढ़ोत्तरी के साथ 1777 पहुंच गया है। रिपोर्ट के मुताबिक सड़क हादसों में मरने वालों में 18 से 30 साल की उम्र के 455 पुरुष और 93 महिलाओं के साथ कुल 548 शामिल हैं। इसके अलावा 30 से 45 साल के उम्र के 529 पुरुष और 117 महिलाओं सहित कुल 646 युवा शामिल हैं। वहीं 18 से 45 साल की बात करें तो यह आंकड़ा 1194 के साथ कुल मौतों का 68 फीसदी है। 45 से 60 साल के उम्र में इस साल 335 पुरुष और 51 महिलाओं सहित 386 की मौत दुर्घटना में हुई है। यह स्थिति तब है, जब सरकार और पुलिस प्रशासन की ओर से यातायात नियमों को लेकर तमाम अभियान चलाए जा रहे हैं।
91 बुजुर्ग और 106 बच्चे भी शामिल
रिपोर्ट के मुताबिक 2021 में हुए सड़क हादसों में मरने वालों में 91 बुजुर्ग और 106 बच्चे भी शामिल हैं। इस साल मरने वालों में 60 से ऊपर के 68 पुरुष और 23 महिलाएं शामिल हैं। जबकि 14 से 18 साल के 77 किशोर और 11 किशोरियों सहित 88 की मौत सड़क हादसे में हुई है। जबकि हादसों का शिकार बनने वालों में 14 साल से नीचे की उम्र के 18 बच्चे भी शामिल हैं। इनमें 11 बालक और सात बालिकाएं हैं।