युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़, भर्ती घोटालों का दाग, कितने पेपर हुए लीक, कितनी भर्तियां हुई रद्द, पढ़ें रिपोर्ट

नमिता बिष्ट

देवभूमि उत्तराखंड के युवाओं को रोजगार के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा और उन्हें राज्य में ही रोजगार मिलेगा। इसी सोच के साथ उत्तर प्रदेश से उत्तराखंड अलग राज्य बना। लेकिन राज्य में रोजगार के नाम पर युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। उत्तराखंड में डेढ़ साल के भीतर आठ भर्ती परीक्षाओं में गड़बड़ी पकड़ी गई है। इनमें से पांच परीक्षाएं तो रद करनी पड़ गईं। शेष तीन में अभी जांच चल रही है। वहीं उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग यानि यूकेएसएसएससी के बाद अब एक माह के भीतर राज्य लोक सेवा आयोग यानि यूकेपीएससी की परीक्षाओं में भी नकल माफिया की सेंध के दो मामले सामने आ चुके हैं।

 

2015 से अब तक 66 आरोपी गिरफ्तार

दरअसल राज्य में भर्ती घोटाले थम नहीं रहे। साल 2015 से अब तक यूकेएसएसएससी और यूकेपीएससी की ओर से 3314 पदों के लिए आयोजित की गई। इन भर्ती परीक्षाओं में धांधली के लिए 66 आरोपितों को गिरफ्तार किया जा चुका है। बता दें कि जिन परीक्षाओं में गड़बड़ी पकड़ी गई है, उनमें दो कांग्रेस तो छह भाजपा के शासनकाल में कराई गईं। उत्तराखंड में सक्रिया नकल माफिया का नेटवर्क उत्तर प्रदेश तक फैला हुआ है, जो संगठित तरीके से परीक्षाओं के पर्चे लीक कर सरकार को चुनौती देते आ रहे हैं।

 

गड़बड़ी के बाद ये भर्ती परीक्षाएं हुईं रद्द

1 वीपीडीओ

6 मार्च 2016 को ग्राम पंचायत विकास अधिकारी (वीपीडीओ) के 196 पदों के लिए भर्ती परीक्षा हुई थी। यह परीक्षा यूकेएसएसएससी ने कराई थी, जिसका परिणाम 26 मार्च 2016 को घोषित किया गया। इस परीक्षा में अभ्यर्थियों की ओएमआर शीट से छेड़छाड़ की गई थी। इस प्रकरण में यूकेएसएसएससी के पूर्व अध्यक्ष डा. आरबीएस रावत, पूर्व सचिव मनोहर सिंह कन्याल, पूर्व परीक्षा नियंत्रक राजेंद्र सिंह पोखरिया सहित छह को गिरफ्तार किया जा चुका है। एसटीएफ इसकी जांच कर रही है।

 

 

2 स्नातक स्तरीय

यूकेएसएसएससी ने 4 और 5 दिसंबर 2021 को यह भर्ती परीक्षा आयोजित की थी। विभिन्न विभागों में स्नातक स्तरीय 933 पदों को भरने के लिए कराई गई इस परीक्षा का पेपर लीक हो गया था। इस मामले में नकल माफिया हाकम सिंह, केंद्रपाल और प्रश्नपत्र छापने व परीक्षा की अन्य जिम्मेदारियों संभाल रही आरएमएस टेक्नो साल्यूशंस के मालिक राजेश चौहान समेत 43 आरोपितों को एसटीएफ ने गिरफ्तार किया।

 

3 सचिवालय रक्षक

26 सितंबर 2021 को हुई 33 पदों के लिए सचिवालय रक्षक भर्ती परीक्षा का पेपर भी आरएमएस टेक्नो साल्यूशंस के कर्मचारी ने यूकेएसएसएससी के अंदर से लीक किया था। इसका पता तब लगा, जब स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा की जांच शुरू हुई। इस मामले में एक आरोपित को गिरफ्तार किया गया है।

 

4 वन दारोगा

वन दारोगा की भर्ती परीक्षा 16 से 25 जुलाई 2021 तक ऑनलाइन हुई थी। 316 पदों के लिए हुई इस भर्ती में धांधली से पर्दा तब उठा, जब स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा की जांच की गई। इस भर्ती की जांच करने के लिए यूकेएसएसएससी की ओर से एसटीएफ को पत्र लिखा गया था। इस परीक्षा का पेपर भी लीक हुआ था। इस मामले में चार आरोपित गिरफ्तार किए गए।

 

5 लेखपाल

लेखपाल भर्ती परीक्षा 8 जनवरी 2023 को राज्य लोक सेवा आयोग ने आयोजित की थी। 536 पदों के लिए हुई भर्ती परीक्षा की जांच में सामने आया कि आयोग के अनुभाग अधिकारी संजीव चतुर्वेदी ने ही इसका पेपर लीक कर दिया। इस मामले की जांच एसआइटी कर रही है। इस प्रकरण में संजीव चतुर्वेदी समेत 12 आरोपितों को गिरफ्तार किया जा चुका है।

 

इन भर्ती परीक्षाओं की चल रही जांच

1 दारोगा (सीधी भर्ती)

साल 2015 में हुई उत्तराखंड पुलिस में दारोगा की सीधी भर्ती में भी घपलेबाजी सामने आई। 339 पदों पर हुई इस भर्ती में ओएमआर शीट के साथ छेड़छाड़ तो हुई ही। यह परीक्षा यूकेएसएसएससी ने कराई थी। कई अभ्यर्थी फर्जी दस्तावेजों के सहारे भी पेपर देकर दारोगा बन गए। अब विजिलेंस की जांच के बाद 20 दारोगाओं को निलंबित किया गया है। इस मामले में जांच चल रही है।

 

2 एई और जेई भर्ती परीक्षा

राज्य लोक सेवा आयोग ने साल 2022 में जेई के 735 पदों के लिए सात से 10 मई तक और एई के 166 पदों के लिए 23 से 26 मई तक परीक्षा कराई थी। लेखपाल भर्ती पेपर लीक का राजफाश होने के बाद इस भर्ती परीक्षा में भी धांधली की बात सामने आई। अब एसआइटी की जांच में इसकी पुष्टि होने के बाद नौ आरोपितों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया गया है। इस पेपर लीक को भी लेखपाल भर्ती की धांधली में लिप्त गिरोह ने अंजाम दिया था।

 

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