Nainital: स्वयं सहायता समूह की महिलाएं बुरांश के फूलों से बन रहीं आत्मनिर्भर

Nainital:  उत्तराखंड के नैनीताल जिले में एक स्वयं सहायता समूह ने इस इलाके में बड़ी तादाद में पाए जाने वाले एक फूल के गुणों का पता लगाया है, यहां के लोग इस फूल को ‘बुरांश’ के नाम से जानते हैं। समूह की महिलाएं इस फूल को इकट्ठा करती हैं और इससे मसालेदार नमक बनाती हैं, जिसे खाने के साथ अलग से यूज किया जा सकता है।

माना जाता है कि इस फूल में मेडिसिनल और न्यूट्रिशनल वैल्यू है, समूह की महिलाओं का दावा है कि वह इससे जो मसाला बनाती हैं, वो आमतौर पर मिलने वाले फूलों के जैम या जूस से अच्छा है। फूलों को जमा करने से लेकर प्रोसेसिंग और पैकेजिंग तक का पूरा काम स्वयं सहायता समूह की महिलाएं ही करती हैं।

समूह की महिलाओं का कहना है कि यह फूलों की प्रोसेसिंग का ईको-फ्रैंडली तरीका है, बुरांश नमक बनाकर और उसे बेचकर वो अपने परिवार की आर्थिक मदद कर पाती हैं। समूह के सदस्यों का कहना है कि “जंगल से फूल एकत्रित करके फिर इन्हें घर लाकर, साफ करके, धो के पानी में और हल्की छांव में सुखा कर रखते धूप में ही हैं लेकिन सुखाते छाव में हैं। फिर उसको पूरी तरह से सुखाकर, उसको पिसते है। सेंधा नमक, मिर्च, जीरा, फूल ये सारी चीजें एकत्रित करके सिलबट्टे पर पिसते हैं।”

इसके साथ ही बताया कि “बुरांश बहुत ही औषधीय तत्व से भरा हुआ है और जो उसके औषधीय तत्व हैं, मुझे लगता है नमक में हम काफी हद तक हम उसको बचा पा रहे हैं। इस नमक को हम महिला हाट बाजार लगती है हमारी तो उसमें बेचते हैं, ऑनलाइन हमारा जाता है, घर में हम खुद महिलाएं एकत्रित होकर हम खुद पैकेजिंग करते हैं।”

 

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