Srinagar: गर्मी को मात देने बड़ी तादाद में श्रीनगर पहुंच रहे सैलानी

Srinagar: मैदानी इलाकों में बढ़ती गर्मी से राहत पाने और पहाड़ों में सुखद मौसम का अहसास करने के लिए बड़ी तादाद में सैलानी जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर पहुंच रहे हैं, देश के हर कोने से आने वाले सैलानियों का मानना है कि कश्मीर से बेहतर कोई जगह नहीं हो सकती क्योंकि यहां की कुदरती खूबसूरती हर किसी का दिल जीत लेती है, देश के ज्यादातर हिस्सों में पारा लगातार बढ़ रहा है। ऐसे में लोग गर्मी से राहत के लिए श्रीनगर की ओर खिंचे चले आ रहे हैं।

लोग श्रीनगर की मशहूर डल झील में शिकारा की सवारी का मजा ले रहे हैं, जबरवान माउंटेन रेंज और कुदरती खूबसूरती के बीच ठंडी हवा के झोंके सैलानियों को डल झील की ओर खींच रहे हैं। मुगल गार्डन भी टूरिस्टों से खचाखच भरा हुआ है। लोग चिनार (मपल) के पेड़ों की छाया का आनंद लेते दिख रहे हैं।

आईएमडी के मुताबिक देश के ज्यादातर इलाकों में मई के महीने में गर्मी और बढ़ेगी। आने वाले दिनों में पारा 40 से 45 डिग्री या उसके पार पहुंचने का अनुमान है। टूरिस्ट “कश्मीर में आकर बहुत अच्छा अनुभव होता है। पूरे साल में कम से कम सात से आठ बार कश्मीर विजिट करते हैं, यहां पर क्लाइमेट इतना अच्छा होता है, हमारे यहां तो इतना गर्मी होता है कि सब लोग कहते हैं कि तुम्हारा घर तो अब कश्मीर हो गया है, सारी गर्मी तो तुम उधर भाग के चले जाते हो, क्लाइमेट बहुत अच्छा है, यहां के लोग बहुत अच्छे हैं, सबसे मिल के इतना अच्छा लगता है कि इस वेदर में आकर सब लोगों के साथ इस मौसम में रहते हैं, तो मन करता है कि साल में छह महीने हम लोग यहां रहे, तो ये जो धरती का स्वर्ग है, लोग ये कहते हैं, वाकई में ये स्वर्ग है।”

“इसीलिए तो आए हैं यहां पर, क्योंकि दिल्ली बहुत गर्म हो रही है, पूरे भारत में गर्मी बढ़ रही है, यहां आकर बहुत अच्छा लग रहा है, यहां का मौसम बहुत सुहावना है, क्लाइमेट काफी अच्छा है और दिल्ली की गर्मी से यहां थोड़ी राहत है। मैं अपने पति और बेटे के साथ आई हूं। तीन दिन के लिए आई हूं, शॉर्ट वीकेंड टाइप विजिट है यह।”

“ये समर में पूरे इंडिया में अभी धूप रहती है, तो इधर ठंडा है क्लाइमेट, इसलिए हमने कश्मीर चुना आने के लिए। बहुत अच्छा लग रहा है। पहले दिन आए तो बारिश था, दूसरे दिन गुलमर्ग गए तो उधर स्नोफॉल मिला, उधर भी वेदर बहुत अच्छा है। हमारे उधर 42 डिग्री रहता है। बहुत गर्मी रहती है, उससे राहत पाने के लिए हम इधर आए हैं कश्मीर।”

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