Punjab: अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर पंजाब-हरियाणा के बीच शंभू बॉर्डर पर भारी संख्या में महिलाएं किसानों को समर्थन देने पहुंचीं, एकजुटता दिखाते हुए महिलाओं ने दोहराया कि जब तक एमएसपी की कानूनी गारंटी की मांग पूरी नहीं हो जाती, वह पीछे नहीं हटेंगी।
सुरक्षा बलों ने किसानों के “दिल्ली चलो” मार्च को रोक दिया था, उसके बाद से प्रदर्शनकारी किसान पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू और खनौरी बॉर्डर पर डटे हुए हैं, किसानों ने 13 फरवरी को मार्च शुरू किया था। बॉर्डर पर सुरक्षा बलों ने उन्हें रोक दिया। शंभू और खनौरी बॉर्डर पर प्रदर्शनकारी किसानों की सुरक्षा बलों से झड़प भी हुई।
किसान समर्थकों का कहना है कि “हम यहां एक बहुत बड़ी रैली के साथ आए हैं, हमारे भाई 13 फरवरी से यहां हैं। उन्होंने सरकार के सामने अपनी मांगें रखी हैं, आज अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस है। हम यहां अपने लोगों के साथ इसे मना रहे हैं, हम चाहते हैं कि हमारी मांगें पूरी हों। हम महिला दिवस भी मना रहे हैं और साथ ही अपनी जरूरतों की मांग भी कर रहे हैं। हम यहां सरकार से अपनी मांगें मांग रहे हैं। इसलिए यहां आए हैं, लेकिन सरकार हमारी बात नहीं सुनना चाहती।
इसके साथ ही कहा कि “हमारा तो यही है कि हमें एमएसपी का पूरा मूल्य चाहिए। और हमारी कोई मांग नहीं है। जो भी है, हम संघर्ष करेंगे। जितनी देर सरकार मानेगी नहीं, उतनी देर संघर्ष चलता रहेगा, हम तो कंधे से कंधा मिला के चलेंगे। एक महीने से ज्यादा हो गया। यहां किसान आ रहे हैं, तो उसमें कोई भी बात नहीं, मीटिंग होती है, खत्म हो जाती है। तो हमको फिर आना ही पड़ेगा ना, जितनी देर तो एमएसपी नहीं मिलेगा, उतनी देर तो संघर्ष रहेगा ही।”