Politics: आप नेता राघव चड्ढा की राज्यसभा की सदस्यता बहाल

Politics: आम आदमी पार्टी नेता राघव चड्ढा की राज्यसभा सदस्यता बहाल कर दी गई है, निलंबित होने के तीन महीने से ज्यादा समय बाद सांसद राघव चड्ढा सोमवार को राज्यसभा पहुंचे। राज्यसभा के विशेषाधिकार पैनल ने राघव चड्ढा को सदन को गुमराह करने और गलत तथ्य पेश करने का दोषी मानते हुए उन्हें निलंबित कर दिया था। राघव चड्ढा प्रस्तावित चयन पैनल में सदस्यों के नाम उनकी सहमति के बिना जोड़ने के दोषी पाए गए थे।

राघव चड्ढा ने सुप्रीम कोर्ट को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि मेरी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने भी इस मामले में हस्तक्षेप किया। इसलिए मैं सुप्रीम कोर्ट और राज्यसभा के चेयरमैन का निलंबन रद्द करने के लिए हाथ जोड़कर धन्यवाद करना चाहूंगा। उन्होंने कहा कि वह राज्यसभा से 115 दिनों तक निलंबित रहे, इन दिनों वे सरकार से सवाल नहीं कर सके और लोगों के मुद्दे सदन में नहीं उठा सके।

राघव चड्ढा ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी करते हुए कहा कि “11 अगस्त 2023 को मुझे राज्यसभा से सस्पेंड किया गया था यानी कि भारत की संसद से निलंबित किया गया था। अपने सस्पेंशन को समाप्त कराने के लिए और फिर से सदन के भीतर जाकर आपकी आवाज उठाने के लिए मुझे सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा। न्याय के मंदिर जाकर न्याय की गुहार लगानी पड़ी। माननीय सुप्रीम कोर्ट ने मेरे सस्पेंशन के संदर्भ में जो मैंने याचिका दायर की थी उसका संज्ञान लिया और उसमें हस्तक्षेप किया। उच्चतम न्यायालय के हस्तक्षेप के बाद मेरा सस्पेंशन समाप्त हुआ। आज संसद भवन के भीतर एक प्रस्ताव लाकर मेरी सस्पेंशन को खत्म किया गया। करीब 115 दिन तक मुझे सस्पेंड रखा गया। 115 दिन तक मैं आपकी आवाज संसद के अंदर जाकर नहीं उठा सका। 115 दिनों तक आपके सवाल मैं सरकार से नहीं पूछ सका, आपके हक की आवाज नहीं उठा सका और जो जवाब आप सरकार से चाहते थे वो जवाब आपके लिए नहीं ला सका। लेकिन मुझे खुशी है कि 115 दिन के बाद ही सही मेरी सस्पेंशन आज समाप्त हुई।

उन्होंने कहा कि इसके लिए मैं हाथ जोड़ कर माननीय सुप्रीम कोर्ट का और राज्यसभा के चेयरमैन का बहुत-बहुत शुक्रिया अदा करता हूं। इस 115 दिन के निलंबन के मेरे समय में मुझे आप सब की बहुत दुआएं, बहुत आशीर्वाद, बहुत प्यार मिला। आप लोगों ने मुझे फोन करके, मैसेज करके, ई-मेल डाल कर, मिल कर बहुत प्यार दिया, आशीर्वाद दिया, हिम्मत दी लड़ाई लड़ने की, डटे रहने की और इन लोगों से मुकाबला करने की। मैं आपकी सारी दुआओं के लिए, आपके आशीर्वाद के लिए तहे दिल से आपका धन्यवाद करता हूं। अंत में बस इतना ही कहना चाहूंगा कि दुआ करो सलामत रहे हिम्मत हमारी, ये एक चिराग कई आंधियों पर भारी है।”

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