Parliament: कई विपक्षी दलों के नेताओं ने सोमवार को संसद परिसर में विरोध प्रदर्शन किया। और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मणिपुर मुद्दे पर संसद के दोनों सदनों में बयान देने की मांग की।
“मणिपुर के लिए भारत” और “भारत मणिपुर पर प्रधानमंत्री के बयान की मांग करता है” लिखी तख्तियां और बैनर लेकर विपक्षी दलों ने संसद परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने सरकार के खिलाफ नारे लगाए। आम आदमी पार्टी के सांसद राघव चड्ढा ने कहा, “हमारा मकसद मणिपुर के लोगों की चीखें केंद्र सरकार के नेताओं के कानों तक पहुंचाना है। सरकार को मणिपुर की चीखें सुनाना है।”
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कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि मणिपुर मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसद में नहीं बल्कि संसद के बाहर बोलना संसद का अपमान है।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, “आप बाहर बोल रहे हैं लेकिन संसद के अंदर नहीं। ये संसद का अपमान है।”
इस दौरान आप सांसद संजय सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री को अपनी चुप्पी तोड़नी चाहिए।
Parliament: टीएमसी सांसद सौगत रॉय ने कहा कि विपक्षी दल मणिपुर मुद्दे पर संसद में बहस चाहते हैं और इसकी शुरुआत प्रधानमंत्री को करनी चाहिए।
केंद्र सरकार गृह मंत्री अमित शाह के जवाब के साथ मणिपुर मुद्दे पर चर्चा करने के लिए तैयार हो गई है, लेकिन विपक्ष पहले प्रधानमंत्री के बयान की मांग पर अड़ा है।