भारतीय करेंसी नोट की तस्वीरों के किस्से है बड़े दिलचस्प, जानिए आजादी के पहले और बाद में क्या हुए बड़े बदलाव

आम आदमी पार्टी संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार से एक अहम अपील की है कि भारतीय करेंसी पर लक्ष्मी-गणेश की फोटो लगाई जाए। नोट के एक तरफ ‘गांधी जी’ की तस्वीर को बरकरार रखते हुए दूसरी तरफ उन्होंने ‘लक्ष्मी-गणेश’ की तस्वीर लगाने की मांग करते हुए कहा है कि इससे उनका आशीर्वाद मिलेगा और देश की तरक्की होगी। भारतीय नोटों पर बदलाव की मांग तो पहले भी उठती रही है और इसमें कई बदलाव हुए भी हैं। इसमें कई बड़े बदलाव आजादी के पहले और बाद में हुए हैं।

बता दें कि भारतीय नोटों पर महात्मा गांधी जी की तस्वीर को पहली बार आजादी मिलने के दो दशकों के बाद छापा गया था। इससे पहले भारत सरकार की ओर से अशोक स्तंभ की तस्वीर को नोट पर प्राथमिकता दी गई थी। लेकिन क्या आप जानते है कि भारत में आजादी के पहले और बाद में करेंसी नोटों में कितनी बार बदलाव हुए हैं। अगर नहीं तो चलिए जानते हैं करेंसी नोटों में हुए बदलाव के किस्सों के बारे में..

आजादी से पहले भारतीय करेंसी का इतिहास

आजादी से पहले भी रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया यानि आरबीआई की ओर से भारतीय मुद्रा को छापा जाता था। आरबीआई की स्थापना उस समय की ब्रिटिश इंडिया सरकार की ओर से 1 अप्रैल 1935 को हो गई थी और उस समय आरबीआई मुख्यालय कोलकाता में हुआ करता था।

RBI ने पहली बार छापा था 5 रुपये का नोट

दरअसल पहली बार आरबीआई ने 1938 में ब्रिटेन के राजा जॉर्ज VI की तस्वीर के साथ 5 रुपये का नोट जारी किया था। जिसके बाद फरवरी में 10 रुपये, मार्च में 100 रुपये और फिर जून में 1 हजार रुपये और 10 हजार रुपये का नोट जारी किया था। इन नोटों पर उस समय दूसरे आरबीआई गवर्नर जेम्स टेलर के हस्ताक्षर थे। भारत की आजदी के कुछ सालों बाद तक यहीं नोट चलन में थे।

आजादी के बाद भारतीय करेंसी में अशोक स्तंभ

1947 में आजादी मिलने के बाद भारतीय करेंसी को नए सिरे से डिजाइन किया गया और 1949 आरबीआई की ओर से ब्रिटिश राजा जॉर्ज VI की तस्वीर को हटाकर भारतीय नोटों पर राष्ट्रीय चिन्ह सारनाथ के अशोक स्तंभ को जगह दी गई।

1978 में डिमोनिटाइजेशन के बाद नए नोट जारी

बता दें कि सरकार ने पहले छोटी राशि के नोटों को छापने में प्राथमिकता दी और फिर 1954 में तंजौर मंदिर की तस्वीर के साथ 1 हजार रुपये का नोट, गेटवे ऑफ इंडिया की तस्वीर के साथ 5 हजार रुपये का नोट और अशोक स्तंभ के साथ 10 हजार रुपये का नोट जारी किया। हालांकि उच्च मूल्य वाले नोटों का 1978 में डिमोनिटाइजेशन कर दिया गया था। यानी इन्हें चलन से बाहर कर दिया गया।

80 के दशक में फिर नई सीरीज के नोट जारी

इसके बाद 1980 में फिर नई सीरीज के नोट जारी किए गए, जिसमें भारत की प्रगति को दिखाया गया था। उस समय 1 रुपये के नोट पर ऑयल रिंग, 2 रुपये के नोट पर आर्यभट्ट, 5 रुपये के नोट पर किसान और ट्रैक्टर, 10 रुपये के नोट पर मोर और 20 रुपये के नोट पर कोणार्क मंदिर को दर्शाया गया था।

1969 में पहली बार छपी गांधीजी की तस्वीर 

भारतीय नोटों पर महात्मा गांधी जी की तस्वीर पहली बार आरबीआई की ओर से 1969 में 100 रुपये के नोट पर छापी गई थी। इसमें गांधी जी को सेवाग्राम आश्रम में बैठे हुए दिखाया गया था। इसके बाद 1987 में 500 रुपये के नोट पर गांधी जी की तस्वीर को छापा गया था। फिर 1996 में आरबीआई की ओर से नोटों को महात्मा गांधी जी की तस्वीर के साथ दोबारा से जारी किया गया और उसी समय से देश में करीब सभी नोटों पर गांधी जी की तस्वीर को छापा जाने लगा।

2016 में नोटबंदी के बाद आए नए नोट

9 अक्टूबर 2000 को आरबीआई ने एक हजार रुपये का नोट जारी किया। 8 नवंबर 2016 में नोटबंदी हो गई और महात्मा गांधी सीरीज के 500 और 1000 रुपये के नोट चलन से बाहर कर दिए गए। इसके बाद 2 हजार रुपये का नोट जारी किया गया। इसमें भी गांधीजी की तस्वीर छापी गई।

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