नमिता बिष्ट
देहरादून। उत्तराखंड में दीपावली का त्योहार हादसों को लेकर लोगों पर भारी पड़ा। प्रदेशभर में तीन दिन में 144 सड़क हादसे हुए। वहीं विभिन्न मामलों में 1292 लोग उपचार लेने अस्पताल पहुंचे। प्रदेश में सात गर्भवतियों का प्रसव एंबुलेंस में कराना पड़ा। जबकि दून में दीपावली की रात 200 लोग पटाखे फोड़ते वक्त झुलसकर अस्पताल पहुंचे।
अस्पताल पहुंचे पटाखे से झुलसे लोग
दून में 45 और श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल में करीब 25, प्रेमनगर में 12, रायपुर में 15 समेत अन्य निजी अस्पतालों में करीब 52 झुलसे लोगों ने इमरजेंसी और ओपीडी में उपचार कराया। इतना ही नहीं ओपीडी में आंखों, स्किन की समस्या लेकर भी लोग पहुंचे। आंखों में घुसा बारूदी कई मरीजों की आंख में पटाखों का बारूद घुस गया। जलन से उनकी आंखों में बेचैनी हुई। दून अस्पताल और गांधी अस्पताल की ओपीडी में ऐसे 25 से ज्यादा मरीज पहुंचे।
80 से 90 फीसदी लोग हाथ में अनार फटने से झुलसे
कोरोनेशन की बर्न यूनिट के प्रभारी डॉ. कुश एरन ने बताया कि दीपावली में पटाखों से झुलसे 51 मरीज पहुंचे। 33 मरीज रात को यहां लाए गए। 18 लोगों ने ओपीडी में दिखाया। इसके अलावा दो को गंभीर स्थिति में भर्ती किया गया। 80 से 90 फीसदी लोग ऐसे थे, जो हाथ में अनार फटने की वजह से अस्पताल पहुंचे थे।
दीपावली और धनतेरस के दौरान दी गई सेवाओं की समीक्षा
108 आपातकालीन सेवा के जीएम प्राजेक्ट्स अनिल शर्मा ने मंगलवार को मुख्यालय में दीपावली और धनतेरस के दौरान लोग को प्रदान की गई सेवाओं की समीक्षा की। उन्होंने बताया कि एंबुलेंस जाम में न फंसे इसके लिए तकनीकी मदद केंद्रीय काल सेंटर से दी गई। 22-24 अक्टूबर के बीच हृदय रोग के 49, प्रसव संबंधी 399, सड़क दुर्घटना के 144,जलने से संबंधित 18 और 682 अन्य को सहायता प्रदान की गई। देहरादून में सबसे ज्यादा 333, हरिद्वार में 200 और ऊधमसिंहनगर में 192 मामलों में सहायता प्रदान की गई।