PM Modi: फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की तरफ से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए लौवर संग्रहालय में आयोजित रात्रिभोज में अभिनेता आर. माधवन भी शामिल हुए। आर. माधवन ने कहा कि वे दोनों नेताओं से काफी प्रेरित हैं। उन्होंने दो महान मित्र देशों के भविष्य के लिए अपने विजन को काफी उत्साहित तरीके से बताया।
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और प्रथम महिला ब्रिगिट मैक्रों ने शुक्रवार को पेरिस के लौवर संग्रहालय में पीएम मोदी के लिए भोज का आयोजन किया था। पीएम मोदी अपनी दो दिन की यात्रा पर गुरुवार को पेरिस पहुंचे थे। वहां वे फ्रांसीसी राष्ट्रीय दिवस समारोह के मौके पर बैस्टिल डे परेड में भी शामिल हुए। एक इंस्टाग्राम पोस्ट में अभिनेता आर. माधवन ने पीएम मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के प्रति आभार जताया।
PM Modi:
अभिनेता आर. माधवन ने लिखा, “14 जुलाई 2023 को पेरिस में बैस्टिल दिवस समारोह के दौरान भारत-फ्रांस संबंधों के साथ-साथ दोनों देशों के लोगों के लिए अच्छा करने का जुनून और समर्पण साफ था। हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सम्मान में राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की तरफ से लौवर में आयोजित रात्रिभोज में इन दोनों नेताओं को देख कर पूरी तरह आश्चर्यचकित था। क्योंकि उन्होंने इन दो महान मित्र राष्ट्रों के भविष्य के लिए अपने विजन को काफी उत्साह से बताया।”
आर. माधवन ने भोज रात्रिभोज की तस्वीरों के साथ लिखा, “हवा में सकारात्मकता और आपसी सम्मान, एक दूसरे को प्यार से गले लगाने जैसा माहौल था। फ्रांस और भारत हमेशा एक साथ समृद्ध रहें।” आर. माधवन ने बताया कि कैसे फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों ने पीएम मोदी और उनके साथ सेल्फी लेने की पेशकश की।
PM Modi: आर. माधवन ने लिखा, “मैं पूरी सच्चाई से ये प्रार्थना करता हूं कि उनका विजन और सपने इच्छा के मुताबिक और सही समय पर हम सभी के लिए लाभकारी हों। राष्ट्रपति मैक्रों ने उत्सुकता से हमसे सेल्फी की पेशकश की। वहीं हमारे प्रधानमंत्री भी बहुत शालीनता से इसका हिस्सा बनने के लिए खड़े हुए। ये पल और उस तस्वीर का महत्व हमेशा मेरे दिमाग में रहेगा।”
“रॉकेट्री: द नांबी इफेक्ट” का निर्देशन करने वाले अभिनेता ने भारत के चंद्रमा मिशन चंद्रयान-3 के सफल लॉन्च के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) को भी शुभकामनाएं दीं।
शुक्रवार को लॉन्च किया गया चंद्रयान -3 मिशन चंद्रयान-2 का फॉलो-अप मिशन है। इसका मकसद चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करना है। चंद्रमा की सतह पर सफल लैंडिंग से भारत संयुक्त राज्य अमेरिका, चीन और पूर्व सोवियत संघ के बाद ये उपलब्धि हासिल करने वाला चौथा देश बन जाएगा।