Air Quality: राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने उन राज्यों के मुख्य सचिवों को तत्काल कार्रवाई करने का निर्देश दिया, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) गिरकर खराब, बहुत खराब और गंभीर श्रेणियों में पहुंच गया है।
एनजीटी एक मामले की सुनवाई कर रहा था जिसमें उसने 20 अक्टूबर से एक नवंबर तक अलग-अलग शहरों में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के ऑनलाइन वायु गुणवत्ता बुलेटिन का संज्ञान लिया।
एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव की पीठ ने कहा, “जिन शहरों का एक्यूआई गंभीर, खराब और बहुत खराब स्तर तक गिर गया है, उन राज्यों के मुख्य सचिवों को तत्काल सुधारात्मक कार्रवाई करने और सुनवाई की अगली तारीख (10 नवंबर) को या उससे पहले रिपोर्ट पेश करनी होगी कि उन्होंने क्या कार्रवाई की है।”
पीठ में न्यायिक सदस्य न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल और विशेषज्ञ सदस्य ए. सेंथिल वेल भी शामिल हैं। पीठ ने कहा कि एक नवंबर को, हनुमानगढ़, फतेहाबाद और हिसार सहित कई जगहों पर एक्यूआई “गंभीर” श्रेणी में पहुंच गया, जबकि दिल्ली, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, फरीदाबाद, बहादुरगढ़, भिवानी, चरखी दादरी, रोहतक और श्री गंगानगर “बहुत खराब” श्रेणी में था।
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एनजीटी ने कहा कि पंजाब, राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, बिहार और झारखंड राज्यों के कई कस्बों और शहरों में एक्यूआई “खराब” श्रेणी में था। वायु गुणवत्ता बुलेटिन में कई शहरों में गंभीर स्थिति दिख रही है। इसलिए, इन शहरों में वायु प्रदूषण की रोकथाम और नियंत्रण के लिए तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता है, ताकि निवासियों के लिए बेहतर वायु गुणवत्ता सुनिश्चित की जा सके।”
एनजीटी ने संबंधित राज्यों के मुख्य सचिवों के साथ-साथ, वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम), सदस्य सचिव, सीपीसीबी, अपने प्रमुख सचिव के माध्यम से राष्ट्रीय टास्क फोर्स और केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (एमओईएफ एवं सीसी) को भी नोटिस जारी किया।