Delhi: दिल्ली के कई इलाकों में शनिवार सुबह एयर क्वालिटी ‘गंभीर’ श्रेणी में दर्ज की गई, सीपीसीबी यानी केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स सुबह नौ बजे 407 दर्ज किया गया।
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के दूसरे हिस्सों में भी हवा की क्वालिटी दिल्ली की तरह ही खराब रही। गाजियाबाद में एयर क्वालिटी इंडेक्स 377 दर्ज किया गया, वहीं ग्रेटर नोएडा में ये 490, फरीदाबाद में 449 और गुरुग्राम में 392 रहा। दिल्ली-एनसीआर में लगातार पांचवें दिन छाई जहरीली धुंध पर डॉक्टरों ने चिंता जताई है। उनका कहना है कि वायु प्रदूषण की वजह से बच्चों और बुजुर्गों में सांस और आंखों से जुड़ी समस्याएं बढ़ रही हैं।
पीएम 2.5 वो छोटे कण होते हैं जो शरीर के अंदर पहुंचकर सांस लेने में मुश्किल को बढ़ाते हैं, पूरे दिल्ली-एनसीआर में कई जगहों पर पीएम 2.5 का स्तर 60 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर की सुरक्षित सीमा से सात से आठ गुना ज्यादा है। निवासियों का कहना है कि “सारे दिल्ली, एनसीआर में बहुत ज्यादा प्रॉब्लम है। इसका मेन कारण तो कंस्ट्रक्शन वर्क जो चलता है इस समय। इस समय गर्मी तो होती नहीं है, गर्मी न होने के कारण जो पार्टिकल्स हैं, वो ऊपर उड़ नहीं पाते, फॉग के कारण वो सारा दबाव नीचे आ जाता है। दबाव के कारण ये सारे पार्टिकल यहीं के यहीं घूमते रहते हैं, इसी कारण से ऐसा होता है।”
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लोगों का कहना है कि “पॉल्यूशन से बहुत ज्यादा प्रॉब्लम हो रही है। सरकार कुछ सोच नहीं रही है इसके बारे में। पॉल्यूशन से इतनी परेशानी हो रही है, आंखों में जलन है, सांस लेने में दिक्कत हो रही है, बड़े-बुजुर्ग, बच्चों को काफी परेशानी हो रही है, काफी बीमारियां बढ़ रही हैं.
माना जाता है कि इससे हर साल इसी तरह से पॉल्यूशन होता है, सरकार इसके बारे में कुछ सोचती नहीं है, हर बार इसी तरह का पॉल्यूशन होता है। काफी परेशानी हो रही है, जब से पॉल्यूशन बढ़ा है, पिछले तीन-चार दिन से तो बहुत बुरा हाल हो रहा है। बेसिकली सांस लेने में, ब्रीदिंग करने में बहुत दिक्कत हो रही है। बहुत पॉल्यूटेड हो रहा है यहां पर।”