यशपाल आर्य ने ग्रहण किया नेता प्रतिपक्ष का पद

उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव के बाद से ही कांग्रेस में अंतर्कलह बढ़ गई है। प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष की नियुक्ति के बाद तो कांग्रेस में घमासान तेज़ हो गया हा। नेता एक दूसरे पर आरोप लगाने के साथ ही तीखे प्रहार कर रहे हैं। वहीं विधायकों की नाराज़गी के बीच यशपाल आर्य ने नेता प्रतिपक्ष का पद संभाल लिया है। इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के अलावा पांच-सात विधायक मौजूद रहे। वहीं नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कांग्रेस के विधायकों की आज बैठक बुलाई है, जिसमें विधायकों के असंतोष को खत्म करने के साथ-साथ आगे की रणनीति पर मंथन होगा।
गौरतलब हो कि रविवार को ही पार्टी के नए अध्यक्ष करण माहरा ने अपना कार्यभार संभाला था, लेकिन इस दौरान कांग्रेस के महज आठ विधायक ही मौजूद रहे। जबकि नाराज़ विधायकों के गुट ने कार्यक्रम से दूरी बनाकर रखी।
बता दें कि राज्य में कांग्रेस के दस विधायक प्रदेश अध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष और उप नेता प्रतिपक्ष की नियुक्ति को लेकर नाराज हैं। नाराज विधायकों का कहना है कि उनकी वरिष्ठता को अनदेखा कर इन पदों पर नियुक्ति की है। विधायकों का कहना है कि यशपाल आर्य चुनाव से पहले कांग्रेस में वापस लौटे हैं। लिहाजा उन्हें पार्टी को इस पद पर नियुक्त नहीं करना चाहिए था। क्योंकि वह पहले पार्टी छोड़ चुके थे। यशपाल आर्य को हरीश रावत का करीबी माना जाता है और चुनाव से पहले कांग्रेस में वापसी के लिए हरीश रावत ने ही लॉबिंग की थी। फिलहाल यशपाल आर्य की आज होने वाली विधायकों की बैठक को लेकर संशय बना हुआ है और उन्होंने सभी विधायकों को देहरादून पहुंचने का निर्देश दिया।

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