Uttarakhand: उत्तराखंड के पांच महत्वपूर्ण और बड़े नीति मसले केंद्र सरकार में अटकीं हुई हैं, इन नीतियों को मजूरी मिलने के बाद उत्तराखंड के विकास के लिए मदद मिल सकती है। इनके लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नीति आयोग की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से वार्ता की है। इस बारे में उनकी ओर से केंद्र सरकार को स्मरण पत्र भी दिए गए हैं। लेकिन अभी इन सभी प्रमुख मसलों पर धामी सरकार को केंद्र की हामी का इंतजार है।
बिजली परियोजनाओं की मंजूरी सहित पांच महत्वपूर्ण मसले केंद्र सरकार में लंबित हैं, मुख्यमंत्री धामी इनके बारे में प्रधानमंत्री और केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से भी चर्चा कर चुके हैं, लेकिन अब इन मामलों को लेकर धामी सरकार को केंद्र की मंजूरी का इंतजार है।
बिजली परियोजना-
धामी सरकार 25 मेगावाट से कम क्षमता की परियोजना की मंजूरी का अधिकार चाहती है, इसको लेकर निर्णय होना बाकी है।
प्रोत्साहन नीति-
प्रदेश सरकार औद्योगिक प्रोत्साहन नीति में विस्तार चाहती है, पर्वतीय राज्य होने के नाते औद्योगिक प्रोत्साहन नीति को अगले पांच साल तक विस्तार को लेकर मजूरी नहीं मिली है.
फंडिंग की सीलिंग-
केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने उत्तराखंड और हिमाचल राज्य को बाह्य सहायतित योजनाओं के लिए 2025 तक के लिए फंडिंग की सीलिंग तय कर दी है। जिसके बाद सरकार ने केंद्र से सीलिंग हटाने का अनुरोध किया है, वित्त विभाग के सूत्रों के मुताबिक, अभी इस पर केंद्र से कोई राहत नहीं मिली है।
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नदी जोड़ो परियोजना-
प्रदेश सरकार ग्लेशियर वाली नदियों को बरसाती नदियों से जोड़ने की योजना पर विचार कर रही है, इस परियोजना के लिए राज्य सरकार ने केंद्र से विशेष वित्तीय व तकनीकी सहयोग का अनुरोध किया है। यह मसला मुख्यमंत्री प्रत्येक मंच पर मजबूती से उठा रहे हैं। इस पर भी मंजूरी का इंतजार है।
केंद्र पोषित योजना-
केंद्र की कई केंद्र पोषित योजनाएं राज्य की विशिष्ट भौगोलिक परिस्थितियों और आवश्यकताओं के अनुरूप नहीं हैं, सरकार राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अनुरूप ऐसी योजनाओं में छूट चाह रही है, लेकिन अभी तक इस बारे में भी केंद्र के स्तर पर कोई निर्णय नहीं हुआ है।