Uttarakhand: उत्तराखंड वन विभाग राज्य के उधम सिंह नगर जिले के खटीमा की तलहटी में हाथियों को रिहायशी इलाकों में जाने से रोकने के लिए अनूठा तरीका आजमा रहा है। किसानों को गांव की सीमाओं के साथ बिहाइव फेंस यानी ‘मधुमक्खी के छत्ते की बाड़’ लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।
खेती वाले इलाकों में खंभे लगाकर उन पर मधुमक्खी के छत्ते लगाए जा रहे हैं। हाथी मधुमक्खियों की भिनभिनाहट से काफी डरते हैं। माना जा रहा है कि मधुमक्खियों के दम पर हाथियों को रिहाइशी इलाकों में घुसने से रोका जा सकता है, अधिकारियों का मानना है कि उनकी इस अनोखी तरकीब से जंगली हाथियों को रिहायशी इलाकों से दूर रखने में मदद मिलेगी। अगर ऐसा होता है तो इंसान और जानवरों के बीच संघर्ष भी बहुत कम हो जाएगा।
खटीमा के डिविजनल फॉरेस्ट ऑफिसर क कहना है कि “हाथियों का जो आवागमन है काफी अधिक यहां पर रहता है खीलपुरा की क्षेत्र की ओर। इस बार हमने प्रयास किया है कि किसी प्रकार से मानव जीव संघर्ष की घटनाओं को किस प्रकार से हम स्थानीय लोगों का सहयोग लेकर हम कैसे कम कर सकते हैं। तो इसी के आलेख में हमने ये प्रयास किया है कि बिहाइव फेंसिंग लगाते हैं। इसी फेंसिंग के माध्यम से हम प्रयास करेंगे कि हाथियों को आबादी क्षेत्र में आने से रोका जा सके और साथ-साथ में स्थानीय लोगों की भागीदारी इस प्रकार के कार्यों में हो सके।”
इसके साथ ही कहा कि “इससे पहले भी इसका काफी अच्छा रिजल्ट हमको प्राप्त हुआ है। कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में इसका काफी अच्छा प्रय़ोग हुआ है मानव जीव संघर्ष को रोकने के लिए, अन्य क्षेत्रों में भी गढ़वाल क्षेत्र में भी इसका काफी प्रयोग हुआ है, हम भी प्रयास कर रहे हैं कि हमें इसका फायदा मिले।”