ये है कुमाऊं का सबसे पहला कॉलेज, यहां आज भी बजती है ब्रिटिशकाल की घंटी

नमिता बिष्ट

अल्मोड़ा अपनी ऐतिहासिक विरासत के साथ साथ प्राकृतिक सुंदरता के लिए देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी मशहूर है। शहर पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करने वाला एक शानदार हिल स्टेशन हैं । यहां देश विदेश से पर्यटक बड़ी संख्या में घूमने आते हैं। यहीं वजह है कि अल्मोड़ा अंग्रेजों को भी बेहद पसंद था। उन्होंने यहां स्कूल, अस्पताल समेत कई संस्थान खोले थे। ऐसा ही अल्मोड़ा का रैमजे इंटर कॉलेज है जो कुमाऊं के सबसे प्राचीन शिक्षण संस्थानों में शुमार है। इतना नहीं यहां आज भी ब्रिटिशकाल की घंटी बजाई जाती है…तो चलिए जानते हैं इसकी खासियत …..

कुमाऊं का सबसे पहला कॉलेज रैमजे इंटर कॉलेज

रैमजे इंटर कॉलेज कुमाऊं का सबसे पहला कॉलेज है। इसकी नींव ब्रिटिशकाल में कुमाऊं के कमिश्नर रहे सर हेनरी रैमजे ने रखी थी। स्कूल की स्थापना में 1851 में हुई थी। उस समय इस स्कूल को चीनाखान में शुरू किया गया था। उसके बाद अल्मोड़ा के मौजूदा भवन में इसे शिफ्ट कर दिया गया। रैमजे इंटर कॉलेज में आज भी अंग्रेजों की कई निशानियां देखने को मिलती हैं। ब्रिटिशकाल की घंटी इस स्कूल में आज भी बजाई जाती है। उस समय जब लोगों के पास घड़ी नहीं हुआ करती थी, तो इस घंटे की वजह से समय का पता चलता था।

आजादी के आंदोलन में भी बड़ा योगदान

रैमजे इंटर कॉलेज का आजादी के आंदोलन में बहुत बड़ा योगदान रहा है। इस स्कूल से भारत रत्न पंडित गोविंद बल्लभ पंत, महान स्वतंत्रता आंदोलनकारी विक्टर मोहन जोशी और स्वतंत्रता आंदोलकारी मुकुन्दी लाल समेत बड़ी-बड़ी हस्तियों ने शिक्षा प्राप्त की थी। पंडित गोविंद बल्लभ पंत ने यहां से कक्षा 1 से लेकर 8 तक यहां पढ़ाई की थी।

स्कूल में आज भी विज्ञान वर्ग नहीं

रैमजे इंटर कॉलेज में आज भी ब्रिटिशकाल का कई सामान देखने को मिलता है। स्कूल में 19वीं सदी का बिगुल, भारत के संविधान का बोर्ड, ट्रॉफी और ब्लैकवुड की कुर्सी अभी तक देखने को मिलती है। इस इंटर कॉलेज का यह दुर्भाग्य है कि जब से यह खुला है, तबसे लेकर आज तक का इस स्कूल में विज्ञान वर्ग नहीं है। स्कूल के अन्य टीचर विज्ञान वर्ग की पढ़ाई करा रहे हैं।

मान्यता की घोषणा कर चुके हैं राज्य के तीन पूर्व मुख्यमंत्री

उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत नारायण दत्त तिवारी, हरीश रावत और विजय बहुगुणा ने अपने कार्यकाल के दौरान रैमजे कॉलेज के लिए वित्त सहित विज्ञान वर्ग की मान्यता की घोषणा की थी, पर अभी तक यह नहीं मिल सकी है। इस स्कूल को तीन लाख रुपये की टोकन ग्रांड भी मिल चुका है। रैमजे इंटर कॉलेज के प्रिंसिपल विनय विल्सन ने वर्तमान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को भी इस बाबत ज्ञापन दिया है।

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