Shraddha Aftab: श्रद्धा वाकर हत्याकांड ने ताजा की अनुपमा गुलाटी मर्डर केस की यादें,

नमिता बिष्ट

दिल्ली के छतरपुर में हुए श्रद्धा हत्याकांड ने 12 साल पहले देहरादून के अनुपमा गुलाटी हत्याकांड की यादें ताजा कर दी हैं। साल 2010 में दून की शांत वादियों में ऐसा ही मामला सामने आया था। जिससे हर सुनने और देखने वाले की रूह कांप गई थी।

अनुपमा के शव के किए थे 72 टुकड़े
दरअसल 2010 में पेशे से सॉफ्टवेयर इंजीनियर राजेश गुलाटी ने घर में ही बेरहमी से अपनी पत्नी अनुपमा गुलाटी की हत्या कर दी थी। इसके बाद घर में ही इलेक्ट्रिक आरी से शव के 72 टुकड़े कर दिए थे और उन्हें डीप फ्रीजर में छुपा दिया। फिर धीरे-धीरे शव के टुकड़ों को मसूरी रोड पर जंगल में फेंकता गया। दिल दहला देने वाली यह घटना कैंट कोतवाली क्षेत्र में 11 दिसंबर 2010 को सामने आई थी।

2 माह तक अनुपमा के मायके वालों को अंधेरे में रखा
अनुपमा अपने पति राजेश गुलाटी और दो बच्चों के साथ देहरादून के कैंट क्षेत्र के प्रकाश नगर में रहती थीं। बच्चे जब भी राजेश से अपनी मां के बारे में पूछते थे तो वह अपने दोनों बच्चों को बताता था कि मां दिल्ली गई हैं और कुछ दिन में आ जाएगी। करीब दो माह तक ऐसे ही चलता रहा। इस दरमियान मायके पक्ष के लोगों का अनुपमा से संपर्क नहीं हुआ तो 11 दिसंबर 2010 को अनुपमा का भाई सिद्धांत प्रधान राजेश के घर पहुंचा और फिर इस मामले का खुलासा हुआ था ।

20 हजार रुपये में खरीदा था डीप फ्रीजर
राजेश गुलाटी ने झगड़ा होने के बाद 17 अक्तूबर 2010 को अपनी पत्नी अनुपमा गुलाटी को मौत के घाट उतार दिया था। आरोप पत्र के अनुसार अगले दिन राजेश ने बाजार से 20 हजार रुपये में डीप फ्रीजर खरीदा और शव उसमें छुपा दिया। जब खून जम गया तो राजेश ने बाजार से पत्थर काटने वाला ग्राइंडर व आरी खरीदी और उनसे लाश के टुकड़े किए। शव को ठिकाने लगाने के लिए उसने तीन बार में कुछ टुकड़े पॉलीथिन में करके मसूरी में पहाड़ी से नीचे फेंके। वह धीरे-धीरे यह कार्य कर रहा था ताकि किसी को शक न हो।

दोनों ने की थी लव मैरिज
राजेश ने अनुपमा से 10 फरवरी 1999 को लव मैरिज की थी। दोनों के बीच 1992 से अफेयर चल रहा था। शादी के बाद साल 2000 में राजेश, अनुपमा को लेकर यूएस चला गया। वहां जून 2006 में उन्हें जुड़वा बच्चे सिद्धार्थ और सोनाक्षी हुए। साल 2008 में दोनों दिल्ली आ गए। इसके बाद राजेश परिवार समेत देहरादून आ गया।

कोर्ट ने सुनाई आजीवन कारावास की सजा
1 सितंबर 2017 को इस मामले में कोर्ट का फैसला आया था। कोर्ट ने राजेश गुलाटी को आजीवन कारावास की सजा सुनवाई और 15 लाख रुपए का अर्थदण्ड भी लगाया, जिसमे से 70 हजार राजकीय कोष में जमा करने व शेष राशि उसके बच्चो के बालिग होने तक बैंक में जमा कराने के आदेश दिए थे।

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