उत्तराखंड हाईकोर्ट ने उत्तराखण्ड के हिमालयी क्षेत्रों में स्थित 51 शक्तिपीठों में हो रही छेड़छाड़ रोकने और इनके संरक्षण के लिए दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए आरके लॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया को पक्षकार मानते हुए केंद्र और राज्य सरकार सहित संस्कृति मंत्रालय को नोटिस जारी कर 6 सप्ताह में शपथ पत्र पेश कर जवाब दाखिल करने को कहा है मामले की सुनवाई के लिए कोर्ट ने 8 जून की तिथि नियत की है देहरादून निवासी प्रभु नारायण ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर कहा है कि उत्तराखंड के हिमालयी क्षेत्रों में स्थित 51 शक्ति पीठों का वैज्ञानिक और पौराणिक महत्व है इन शक्तिपीठों का पर्यावरण संतुलन बनाए रखने में विशेष महत्त्व है जिसका प्रत्यक्ष उदारहण श्रीनगर में स्थित धारी देवी मंदिर के विस्थापन के समय देखने को मिला जब धारी देवी मंदिर को विस्थापित किया गया तो उसके 1 घण्टे के भीतर केदारनाथ में भीषण आपदा के बाद त्रासदी आ गई धारी देवी शक्तिपीठ के बारे में पूरी जानकारी जुटाए बगैर ही उसे मूल स्थान से विस्थापित किया गया प्रभु नारायण ने कहना है कि मां धारी देवी शक्ति पीठ पृथ्वी पर एक विशिष्ट भंवर है यह ऊर्जा का एक घूमता केंद्र है यह प्राकृतिक या प्राथमिक ऊर्जा का बिंदु है जो पृथ्वी के विद्युत चुम्बकीय क्षेत्र को बनाता है ऊर्जा भंवर दुनिया भर में कहीं भी पाया जा सकता है उच्च पवित्रता के ये स्थल पृथ्वी के चुंबकीय पोर्टल्स की भूमिका निभाते हैं ऐसी साइटों पर वैज्ञानिक जांच की जरूरत है इसके साथ ही उन्होंने कई वैज्ञानिक दावे किए हैं उनका कहना है कि धारी देवी शक्ति पीठ ने हिमालय के केदारखंड क्षेत्र में प्रलय को दिखाया था वह पीजोइलेक्टिसिटी थी जोकि एक विद्युत आवेश है जो कुछ ठोस पदार्थों जैसे कि क्वार्ट्ज क्रिस्टल कुछ सिरेमिक और जैविक पदार्थों जैसे हड्डी, DNA और विभिन्न प्रोटीनों में लागू यांत्रिक तनाव के जवाब में जमा होता है श्रीनगर के पास स्थित धारी देवी की प्रतिमा को अलकनंदा नदी से हटाया गया 16 जून 2013 की शाम प्राचीन मंदिर से प्रतिमा हटाई गई थी और उसके कुछ ही घंटे बाद केदारनाथ जैसी भीषण आपदा सामने आई थी इस आपदा में हजारों लोग मारे गए थे याचिकाकर्ता का कहना है कि उत्तराखंड के 51 शक्तिपीठों के संरक्षण के लिए वैज्ञानिक और धार्मिक कमीशन की स्थापना यानी Scientific & religious Commission की जाए ताकि की पर्यावरण संतुलन के साथ ही 51 शक्तिपीठों को संरक्षित किया जा सके
.