प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने स्पॉन्सर नीति में बदलाव किया है। इसके तहत अब पाकिस्तान में रहने वाले हिंदू अब भारत आकर गंगा में अपने मृत परिजनों की अस्थियां विसर्जित कर सकेंगे। इस ऐतिहासिक फैसले को हरिद्वार के तीर्थ पुरोहितों ने सराहा है हरिद्वार के तीर्थ पुरोहित का कहना है कि इससे हमारी संस्कृति को और बढ़ावा मिलेगा और जो लोग मां गंगा में आस्था रखते हैं उनके लिए यह बहुत ही खुशी की खबर है।
मां गंगा मोक्षदायिनी के नाम से भी जानी जाती है करोड़ों हिंदुओं की आस्था मां गंगा से जुड़ी हुई है दुनिया भर से हिंदू परिवार अपनों के निधन के बाद अस्थि विसर्जन करने के लिए हरिद्वार आते हैं इनमें पाकिस्तान में रहने वाले हिंदू भी शामिल है वहीं अगर आंकड़ों की बात की जाए तो लगभग 30 से अधिक अस्थियां प्रतिवर्ष हरिद्वार में पाकिस्तान से विसर्जन के लिए लाई जाती लेकिन अब जब वीजा प्रणाली में संशोधन किया गया है तो इनकी संख्या बढ़ेगी और जो लोग मां गंगा में अपने परिजनों की अस्थियां विसर्जित करना चाहते हैं वह भी भारत में आ पाएंगे भारत सरकार द्वारा लिए गए फैसले का हरिद्वार के तीर्थ पुरोहितों द्वारा भी स्वागत किया गया है। निर्मल अखाड़े के कोठारी जसविंदर सिंह ने इस फैसले को ऐतिहासिक फैसला बताते हुए कहा कि पाकिस्तान भी हमारा एक अंग है वहां पर भी कई हिंदू परिवार रहते हैं जो आज भी भारत से प्रेम करते हैं मोदी सरकार द्वारा इस फैसले को ऐतिहासिक व सांप्रदायिक सौहार्द बताते हुए जसविंदर सिंह ने कहा कि इससे आपसी भाईचारा बढ़ेगा और नफरत दोनों मुल्कों के बीच में कम होगी और हिंदू धर्म से जो लोग जुड़ना चाहते हैं वह हिंदू धर्म को और जान पाएंगे और इस से जुड़ेंगे। पाकिस्तान से लोग अपने परिजनों की अस्थियां लेकर हरिद्वार आया करते थे लेकिन उनमें भारत में कोई रिश्तेदार होने का नियम लागू होता था तभी उन्हें वीजा मिलता था लेकिन अब इस संशोधन के कारण जो लोग मां गंगा में आस्था रखते हैं और अपने परिजनों की अस्थियां मां गंगा में विसर्जन करना चाहते हैं वह भी भारत में आकर मां गंगा में अपने परिजनों की अस्थियां विसर्जित कर पाएंगे और उन्हें को मोक्ष दिला पाएंगे।