औचक निरीक्षण में कुछ ऐसे बयान हुई सरकारी स्कूलों की हकीकत, यहां अंग्रेजी में अपना नाम नहीं लिख पाए जूनियर हाईस्कूल के छात्र

नमिता बिष्ट

उत्तराखंड के पहाड़ों में सरकारी स्कूलों की बदहाल शिक्षा की तस्वीर बदलने में भले ही सरकार अपनी ताकत झोंक रही हो। लेकिन धरातल पर इनकी तस्वीर क्या है ये भी किसी से छुपी नहीं है। ऊपर से दुर्गम स्थानों के स्कूल तो माशाल्लाह हैं। कहीं पलायन का दंश, कहीं भवन जर्जर हैं, तो कहीं शिक्षक नहीं, कहीं ये दोनों हैं तो बच्चे नहीं, बच्चे हैं तो शिक्षा व्यवस्था ही नहीं है। अब ताजा मामला उत्तरकाशी के विकासखंड पुरोला के सुदूरवर्ती सर बडियार क्षेत्र का है। यहां के सरकारी स्कूलों में बच्चे किन हालातों में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं,  इसका खुलासा पुरोला ब्लॉक शिक्षा अधिकारी के औचक निरीक्षण ने किया है।

जूनियर हाईस्कूल के बच्चे नहीं लिख पाए इंग्लिश में अपना नाम

दरअसल पुरोला ब्लॉक शिक्षा अधिकारी अजीत भंडारी ने जब औचक निरीक्षण किया तो दो स्कूलों में प्रधानाध्यापक गैरहाजिर मिले। जब बच्चों से सामान्य सवाल पूछे गए तो बच्चे कोई उत्तर नहीं दे पाए। यहां तक की जूनियर हाई स्कूल के बच्चे अपना नाम तक इंग्लिश में नहीं लिख पाए।

दो स्कूलों में प्रधानाध्यापक मिले गैरहाजिर

ब्लॉक शिक्षा अधिकारी अजीत भंडारी ने बताया कि उन्होंने सर बडियार पट्टी के प्राथमिक विद्यालय सर पौंटी किमडार डिंगाड़ी और जूनियर विद्यालय सर डिंगाड़ी का औचक निरीक्षण किया। जिसमें प्राथमिक विद्यालय पौंटी के प्रधानाध्यापक और प्राथमिक विद्यालय डिंगाड़ी के प्रभारी प्रधानाध्यापक गैरहाजिर मिले।

ब्लॉक शिक्षा अधिकारी ने जताई कड़ी नाराजगी

वहीं जूनियर विद्यालय डिंगाड़ी, प्राथमिक विद्यालय डिंगाड़ी और पौंटी में शैक्षिक स्तर निम्न होने सहित आदि अनियमितताएं पाए जाने पर ब्लॉक शिक्षा अधिकारी ने कड़ी नाराजगी जताई। साथ ही उन्होंने  छह शिक्षकों का वेतन रोकने की संस्तुति की। वहीं स्कूलों में गैरहाजिर मिले दो प्रधानाध्यापकों पर विभागीय कार्रवाई करने की संस्तुति की।

उच्च अधिकारियों को भेजी गई रिपोर्ट

ब्लॉक शिक्षा अधिकारी ने बताया कि डिंगाड़ी में विद्यालय भवन पुनर्निर्माण हेतु ग्रामीणों के साथ भूमि विवाद भी चल रहा है। इसको लेकर ग्रामीणों ने कई बार शिकायत भी की है। इस संबंध में रिपोर्ट जिला स्तर के अधिकारियों को भेजी गई है।

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