Makar Sankranti पर हरिद्वार में उमड़ा आस्था का सैलाब, कड़ाके की ठंड में भी श्रद्धालु लगा रहे डुबकी

हरिद्वार:धर्मनगरी हरिद्वार में मकर संक्रांति पर श्रद्धालुओं ने गंगा में आस्था की डुबकी लगाई. सुबह तड़के से ही बड़ी संख्या में श्रद्धालु गंगा घाटों पर पहुंचने लगे. श्रद्धालुओं ने पूजा अर्चना कर, दान पुण्य किया. वहीं मकर संक्रांति पर जगह-जगह धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है. कई जगह खिचड़ी का प्रसाद वितरण किया जा रहा है. कड़ाके की ठंड भी श्रद्धालुओं की आस्था को डिगा नहीं सकी और मानो श्रद्धा भाव देखकर सर्दी ने खुद ही चुप्पी साध ली हो. श्रद्धालु ठंड की परवाह किए बगैर गंगा में डुबकी लगाते दिखे.

मकर सक्रांति स्नान पर्व का काफी महत्व है क्योंकि मकर संक्रांति  के पर्व के दिन सूर्य मकर राशि में प्रवेश करते है इसी के साथ ही सूर्य दक्षिणायन से उत्तरायण भी हो जाते है ऐसी मान्यता है कि मकर संक्रांति के दिन गंगा स्नान करने के उपरांत तिल और खिचङी के साथ वस्त्रों का दान करने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है। वही आज मकर सक्रांति स्नान पर्व पर देश के कोने-कोने से आए श्रद्धालु मां गंगा में आस्था की डुबकी लगा रहे हैं पुलिस प्रशासन द्वारा भी सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए हैं पूरे मेला क्षेत्र को 7 जोन और 17 सेक्टर में बांटा गया है।

मान्यता है कि मकर संक्रांति स्नान पर्व पर गंगा में डुबकी लगाने और दान पूर्ण करने से पुण्य की प्राप्ति होती है निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरी का कहना है कि मकर सक्रांति भारतीय संस्कृति का बहुत बड़ा पर्व है इस दिन सूर्य उत्तरायण होते हैं इस दिन गंगा में स्नान और सूर्य को अर्घ देकर दान करता है तो उसे पुण्य की प्राप्ति होती है जिस व्यक्ति का सूर्य और गुरु उच्च का होता है उसके गृह प्रतिकूल होकर भी अनुकूल हो जाते हैं इसलिए मकर सक्रांति स्नान का पर्व अत्यंत महत्वपूर्ण होता है इनका कहना है कि के भीष्म पितामह ने भी इसी दिन की प्रतीक्षा की थी कि उन्हें मृत्यु प्राप्त हो इसी दिन उनके द्वारा अपने प्राण त्यागे गए थे।

 

देश के कोने-कोने से आए श्रद्धालु मां गंगा में आस्था की डुबकी लगाकर पुण्य के भागी बन रहे हैं श्रद्धालुओं का कहना है कि मकर संक्रांति स्नान पर्व पर मां गंगा में डुबकी लगाने से पुण्य की प्राप्ति होती है इसीलिए मकर संक्रांति स्नान पर्व पर हमारे द्वारा मां गंगा में डुबकी लगाकर दान पुण्य किया जा रहा है।

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