Election 2024: उत्तराखंड की टिहरी गढ़वाल सीट का क्या है चुनावी समीकरण

Election 2024: टिहरी गढ़वाल उत्तराखंड की पांच लोकसभा सीट में एक है, बीजेपी को साल 2019 के चुनाव में राज्य की सभी पांच सीटों पर जीत मिली थी। टिहरी गढ़वाल के वोटरों की मुख्य शिकायत विकास की कमी और बेरोजगारी है, यह मुद्दे लोकसभा चुनावों में हावी रह सकते हैं। बीजेपी ने मौजूदा सांसद माला राज्य लक्ष्मी शाह को फिर से चुनावी मैदान में उतारा है, वह 2012 के उपचुनाव के बाद से इस सीट पर लगातार काबिज हैं। बीजेपी समर्थकों को भरोसा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता और विकास कामों का असर टिहरी चुनाव पर भी पड़ेगा। बीजेपी उम्मीदवार यहां से लगातार चौथी बार जीतेंगी।

कई वोटर बीजेपी के समर्थन में हैं, लेकिन कुछ लोगों का कहना है कि मौजूदा सांसद ने कभी यहां दौरा नहीं किया या संसद में टिहरी गढ़वाल के मुद्दे नहीं उठाए। वही कांग्रेस ने महारानी को चुनौती देने के लिए उत्तराखंड विधानसभा की मसूरी सीट से दो बार विधायक रह चुके जोत सिंह गुंटसोला को टिकट दिया है। कांग्रेस उम्मीदवार का कहना है कि बेरोजगारी, कचरे का निपटारा जैसे मुद्दे यहां के लोगों की मुख्य चिंता हैं। वे इन्हें अपना चुनावी मुद्दा बनाने पर जोर देते हैं। बता दे कि उत्तराखंड की पांचों सीट पर चुनाव के पहले चरण में 19 अप्रैल को वोटिंग होगी।

बीजेपी उम्मीदवार माला राज्य लक्ष्मी शाह का कहना है कि “लोगों का पूरा भरोसा है, जहां-जहां मैं गई हूं, बहुत ही अच्छा लग रहा है और जितना 10 साल में जो हुआ है, सभी लोग बहुत खुश हैं और मुझे पूरा विश्वास है कि इस बार का चुनाव बहुत ही अच्छा होगा।”

इसके साथ ही बीजेपी कार्यकर्ताओ का कहना है कि “शिक्षा, सड़क, स्वास्थ्य और पानी। वो सब आदरणीय मोदी जी के नेतृत्व में यहां पर जल, जीवन मिशन के तहत घर-घर नल, घर-घर जल, ऑल ओवर आप देख रहे हैं और शिक्षा के क्षेत्र में भी राज्य सरकार अनेकों प्रयास कर रही है और आपका स्वास्थ्य के क्षेत्र में आयुष्मान कार्ड से, यहां सबसे ज्यादा लाभार्थी आयुष्मान कार्ड के हैं।”

स्थानीय निवासियों का कहना है कि “जो टेहरी गढ़वाल सीट का चुनाव है, वो टेहरी गढ़वाल संसदीय क्षेत्र की अस्मिता का प्रश्न बन चुका है। हमारी जो पहले सांसद रही हैं, इतनी निष्क्रियता और वो कोई कम्यूनिकेट नहीं कर पाईं जनता से संसद के बीच। ये वो क्षेत्र है जहां से महावीर त्यागी जैसे जो रक्षा मंत्री रहे हैं, पंडित ब्रह्म देव, जो पेट्रोलियम राज्य मंत्री केंद्र में रहे हैं। तो ये क्षेत्र उनसे अपने को रिलेट करता है। और ऐसे निष्क्रिय सांसद को लेकर के क्षेत्र अपने आप को ठगा हुआ महसूस कर रहा है। टिहरी गढ़वाल क्षेत्र की जनता की अस्मिता का प्रश्न ये बन चुका है।”

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *