मंडुवे की फसल काटने हाथ में दरांती लेकर खेत में उतरे डीएम

नमिता बिष्ट

उत्तरकाशी डीएम अभिषेक रुहेला ने ज्ञाणजा गांव पहुंचकर क्रॉप कटिंग प्रयोग का जायजा लिया। इस दौरान डीएम ने खुद भी हाथ में दरांती लेकर मंडुवा की फसल काटी। उन्हें ऐसा करता देख ग्रामीण बेहद खुश नजर आए। डीएम का कहना है कि जमीन से जुड़कर काम करने पर ही किसी भी काम की सही स्थिति का पता लगाया जा सकता है। इसलिए उन्होंने भी क्रॉप कटिंग पर हाथ आजमाया।

डीएम ने काटा मंडुवा

बता दें कि जिले के ज्ञाणजा गांव में शुक्रवार को फसल पर क्रॉप कटिंग प्रयोग होना था। इसके लिए डीएम अभिषेक रुहेला ने खेतों में पहुंचकर मंडुवा की फसल पर किए जा रहे क्रॉप कटिंग प्रयोग का स्थलीय निरीक्षण कर जायजा लिया। डीएम ने खुद भी परम्परागत फसल मंडुवा की क्रॉप कटिंग की। इस दौरान काश्तकार कमलेश भट्ट के खेत में 4 किलो छह सौ ग्राम मडुवा और कलम देई के खेत में 7 किलो तीन सौ ग्राम मडुवा का उत्पादन निकाला गया।

जनपद में 4831 हेक्टेयर पर मंडुवे की खेती

बता दें कि जनपद में 4831 हेक्टेयर कृषि भूमि पर मंडुवे की खेती की जाती है। करीब सात हजार किसान इससे जुड़े हुए हैं। वहीं जनपद में मंडुवा का समर्थन मूल्य पिछले साल की तुलना में दो रुपये बढ़ा है। पिछले साल मंडुवे का समर्थन मूल्य 25 रुपये निर्धारित था। जो बढ़ कर 27 रुपये हो गया है। जबकि झंगोरा, चौलाई और सोयाबीन के समर्थन मूल्य में कोई परिवर्तन नहीं है।

चार गुना बढ़ा पारंपरिक फसलों का उत्पादन

साल 2021-22 में मंडुवा का उत्पादन 355.13 कुंतल, झंगोरा 99.51 कुंतल, चौलाई 192 कुंतल और सोयाबीन नौ कुंतल उत्पादित हुआ था। जो साल 2020-21 की तुलना चार गुना अधिक है। डीएम रूहेला ने कहा कि पारंपरिक फसलों को बढ़ावा देने के लिए सरकार हर संभव प्रयास कर रही है।

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