चारधाम यात्रा 2022: यात्रा मार्गों पर अज्ञात बीमारी से हो रही घोड़े-खच्चरों की मौत

गौरीकुण्ड। श्री केदारनाथ धाम पैदल यात्रा मार्ग के मुख्य पड़ाव स्थल गौरीकुंड समेत अन्य यात्रा पड़ावों में अज्ञात बीमारी से घोड़े-खच्चरों की मौत हो रही है। रोजाना हो रही घोड़े खच्चरों की मौत से घोड़ा-खच्चर संचालकों में खौफ बना हुआ है।
बता दें कि दो साल बाद पूरी क्षमता के साथ संचालित हो रही केदारनाथ यात्रा में बड़ी उम्मीद के साथ रुद्रप्रयाग सहित चमोली व उत्तरकाशी के घोड़ा खच्चर संचालक रोजगार के लिए पहुंचे हैं, लेकिन पशुओं की हो रही अचानक मौत से उन्हें आर्थिक रूप से भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। घोड़ा खच्चर संचालक अरविंद सिंह राणा ने कहा कि घोड़े-खच्चर बीमार हो रहे हैं लेकिन समय पर मेडिकल उपचार नही मिल पा रहा है। उन्होंने कहा कि घोड़े खच्चरों के मलद्वार से आंत बाहर आ रही है। साथ ही मुंह से झाग निकल रहा है। इस अज्ञात बीमारी से उपचार न मिल पाने के कारण घोड़े खच्चरों की मौत हो रही है। वहीं, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी आशीष रावत ने बताया कि उनके पास अभी तक 48 के लगभग घोड़े-खच्चरों की मृत्यु के दस्तावेज मिले हैं।
केदारनाथ पैदल मार्ग पर संचालित 8200 घोड़े खच्चरों का जिला प्रशासन के द्वारा पंजीकरण किया जा चुका है। केदारनाथ यात्रा के मुख्य पड़ाव स्थल गौरीकुंड, सोनप्रयाग व केदारनाथ धाम में रोजाना दस से अधिक घोड़े-खच्चरों की अज्ञात बीमारी से मौत हो रही है। गत छह मई से अब तक तीन सौ से अधिक घोड़े-खच्चरों की मौत हो चुकी है।

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