विश्व प्रसिद्ध गंगोत्री एवं यमुनोत्री धाम के कपाट मंलगवार यानी कल अक्षय तृतीय पर देश विदेश के श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोल दिए जाएंगे। तय कार्यक्रमानुसार गंगोत्री धाम के कपाट सुबह 11:15 पर तो यमुनोत्री धाम के कपाट दोपहर 12:15 बजे श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोल दिए जाएंगे। इसके बाद आगामी छह माह के लिए श्रद्धालु गंगोत्री एवं यमुनोत्री धाम में ही मां गंगा एवं यमुना के दर्शन के भागी बनेंगे।
3 मई को खुलेगा यमुनोत्री धाम: यमुनोत्री मंदिर समुद्रतल से 3235 मीटर ऊंचाई पर है. यहां देवी यमुना का मंदिर है. यहीं यमुना नदी का उद्गम स्थल भी है. यमुनोत्री मंदिर टिहरी गढ़वाल के राजा प्रतापशाह ने बनवाया था. इनके बाद मंदिर का जीर्णोद्धार जयपुर की रानी गुलेरिया ने करवाया था.
3 मई को खुलेगा गंगोत्री धाम: गंगोत्री से गंगा नदी का उद्गम होता है. यहां देवी गंगा का मंदिर है. समुद्र तल से ये मंदिर 3042 मीटर की ऊंचाई पर है. ये स्थान जिला उत्तरकाशी मुख्यालय से 100 किमी की दूरी पर है. हर साल गंगोत्री मंदिर मई से अक्टूबर तक के लिए खोला जाता है. इस क्षेत्र में राजा भागीरथ ने शिवजी को प्रसन्न करने के लिए तप किया था. शिवजी यहां प्रकट हुए और उन्होंने गंगा को अपनी जटाओं में धारण कर उसका वेग शांत किया था. इसके बाद इसी क्षेत्र में गंगा की पहली धारा भी गिरी थी. जिसके बाद भागीरथ ने अपने पुरखों का तारा था.
6 मई को खुलेंगे केदारनाथ धाम के कपाट: द्वादश ज्योतिर्लिंगों में एक केदारनाथ धाम के कपाट इस बार 6 मई को खुलेंगे. रुद्रप्रयाग जिले में स्थित केदारनाथ धाम 2013 में आई आपदा में सिसक उठा था. उसके बाद 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केदारनाथ का पुनर्निर्माण कार्य शुरू कराया. अब केदारनाथ अपनी पहली वाली रंगत में लौट आया है.
8 मई को खुलेंगे बदरीनाथ धाम के कपाट:
देश के चारधाम में से एक बदरीनाथ धाम के कपाट इस बार 8 मई को खुलेंगे. अलकनंदा नदी के तट पर स्थित बदरीनाथ धाम को मोक्षधाम भी कहा जाता है. भगवान विष्णु के इस धाम को लेकर श्रद्धालुओं में अगाध श्रद्धा है. बदरीनाथ देश के चारधामों में भी शामिल है. रामेश्वरम, जगन्नाथ पुरी और द्वारका के साथ बदरीनाथ देश के चार धामों में एक है.