Budget 2024-25: देहरादून के होटल कारोबारी खाने पर जीएसटी में कटौती की उम्मीद कर रहे हैं, साथ ही वह एक फरवरी को पेश होने वाले अंतरिम बजट में रेस्तरां के साथ-साथ होटलों पर एक जैसा टैक्स लगाने की मांग कर रहे हैं। जब कोई शख्स किसी रेस्तरां या होटल के कमरे में खाना ऑर्डर करता है तो दोनों पर अलग-अलग जीएसटी लगती है, इसके समााधान के लिए मसूरी होटल एसोसिएशन के सचिव अजय भार्गव ने यूनिफॉर्म टैक्सेशन की मांग की।
उन्होंने कहा कि “यूनिफॉर्म टैक्सेशन होना चाहिए ताकि खाने पर टैक्स पांच फीसदी ही रहे, बढ़कर 12 या 18 न हो जाए।” इस बीच मसूरी होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय अग्रवाल ने उम्मीद जताई है कि सरकार बजट में कारोबारियों की सुरक्षा के लिए कुछ घोषणा करेगी। कारोबारी जीएसटी और इनकम सहित ज्यादा टैक्स का भगुतान करते हैं, इसका हवाला देते हुए अग्रवाल ने सरकार से मांग की कि टैक्स का एक हिस्सा उन्हें प्रोविडेंट फंड के रूप में वापस किया जाना चाहिए।
इसके साथ ही कहा कि “हम केंद्र सरकार से आग्रह करना चाहते हैं कि एक प्रोविडेंट फंड के रूप में एक परसेंटेज ऑफ इनकम, जो इनकम टैक्य हमने मुहैया कराया है सरकार को निश्चित मात्रा के रूप में हमें मिले।”
मसूरी होटल एसोसिएशन के सचिव क कहना है कि “जब कोई ग्राहक किसी रेस्तरां में खाना खाता है, तो वो पांच फीसदी टैक्स देता है और जब वो अपने होटल के कमरे से वही खाना ऑर्डर करता है, तो वही 12 से 18 प्रतिशत हो जाता है। ये बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। यूनिफॉर्म टैक्सेशन होना चाहिए ताकि खाने पर टैक्स पांच फीसदी ही रहे, बढ़कर 12 या 18 न हो जाए।”