Ankita murder Case: न्याय की आस में हत्याकांड को बीता एक साल, मुख्यमंत्री धामी ने की यह घोषणा

Ankita murder Case: अंकिता भंडारी हत्याकांड को अब एक साल का समय बीतने को है, लेकिन दिवंगत अंकिता भंडारी के परिजन आज भी अपनी बेटी को याद में अपने आंसू बहा रहे हैं दिवंगत अंकिता भंडारी के परिजनों को न्यायिक व्यवस्था पर भरोसा है कि देर से सही लेकिन उनकी बेटी को कानून जरूर इंसाफ दिलाएगा. इस बीच उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बड़ी घोषणा की है, अब नर्सिंग कॉलेज डोभ श्रीकोट का नाम दिवंगत बेटी अंकिता भंडारी के नाम पर रखा जायेगा.

पौड़ी की दिवंगत बेटी अंकिता भंडारी के नाम से अब नर्सिंग कॉलेज डोभ श्रीकोट को जाना जाएगा, मुख्यमंत्री धामी ने ट्वीट कर नर्सिंग कॉलेज डोभ श्रीकोट का नाम दिवंगत बेटी अंकिता भंडारी के नाम पर रखे जाने की घोषणा करते हुए ट्वीट किया कि- “हमारी सरकार ने राजकीय नर्सिंग कॉलेज डोभ (श्रीकोट) का नाम दिवंगत बेटी अंकिता भण्डारी के नाम पर रखे जाने का निर्णय लिया है। हम बेटी अंकिता के परिजनों के साथ खड़े हैं और प्रदेश की हर बेटी का सम्मान और उनकी सुरक्षा को सुनिश्चित करने हेतु संकल्पबद्ध हैं।”

वहीं अंकिता के पिता वीरंद्र भंडारी ने बताया की इस मांग को वे लंबे समय से उठा रहे थे और बीते 28 अगस्त को डीएम के माध्यम से सीएम धामी को नर्सिंग कॉलेज डोभ श्रीकोट का नाम उनकी दिवंगत बेटी अंकिता भंडारी के नाम पर रखे जाने का मांग पत्र भेज चुके थे, जिस पर अब सीएम ने हामी भरते हुए ये निर्णय लिया है.

Ankita murder Case:  Ankita murder Case: 

दरअसल, अंकिता भंडारी के लापता होने की सूचना परिजनों ने बीते साल 18 सितंबर को जिला प्रशासन पौड़ी को दी थी और बताया था कि उनकी बेटी का फोन बंद है और अंकिता के दोस्त ने अंकिता के लापता होने का शक जाहिर कर परिजनों को सूचना दी थी. इसके कुछ दिन बाद अंकिता भंडारी का शव भी पुलिस ने बैराज डैम से बरामद कर लिया था. इसके बाद से परिजनों दिवंगत अंकिता भंडारी के लिए इंसाफ मांग रहे हैं. उन्हें आस है की कानून देर से ही लेकिन उनकी बेटी को न्याय दिलाएगा और तीनों आरोपियों को कठोर सजा देगा. अंकिता के पिता वीरेंद्र भंडारी और अंकिता को मां सोनी भंडारी की तबीयत भी एक साल के भीतर कई बार बिगड़ी लेकिन परिजनों ने न्याय के लिए कई दफा आंदोलन तक किया ताकि गुनहगारों को कड़ी सजा मिल सके.

अंकिता के पिता ने बताया की न्याय की आस में एक साल बीत चुका है इस बीच उन्हे पूर्व में दो वकीलों को बदलना पड़ा पूर्व में उनके अधिवक्ता जितेंद्र रावत द्वारा ग्वाहों के बयान बदलने का भी उन्हे संदेह हुआ तो वकील को बदलने के लिए उन्हें आंदोलन तक किया और आखिर में उनका वकील बदला. जिससे अब केस मजबूती पकड़ रहा है आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल हो चुकी है और कई गवाहों के बयान अब तक दर्ज हो चुके हैं जबकि अभी और भी गवाहों के बयान कोर्ट दर्ज होने हैं. जिससे उनके पक्ष में केस और मजबूत हो जाएगा. अंकिता के पिता ने बताया की न्यायायिक व्यवस्था पर उन्हे पूरा भरोसा है कि बेटी के हत्यारो को कोर्ट जरूर सजा दिलवाएगी.

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