बच्चों को गोद लेने को लेकर जारी फतवे के मामले में बीते दिनों से विवादों में घिरे दारुल उलूम देवबंद पर अब उत्तर प्रदेश प्रशासन की गाज गिरी है। विधानसभा चुनाव से पहले दारुल उलूम की वेबसाइट मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए सहारनपुर के डीएम ने जांच पूरी होने तक दारुल उलूम की वेबसाइट बंद करने का आदेश दिया है। हालांकि देवबंद के मीडिया इंचार्ज अशरफ उस्मानी ने कहा है कि हमने सभी फतवे को वेबसाइट से हटा दिया गया है।
दरअसल, सहारनपुर में स्थित दारुल उलूम देवबंद के फतवे और बच्चों के मुद्दे पर भ्रमित करने वाले बयान को लेकर बीते कई दिनों से विवादों में घिरा हुआ है। दारुल उलूम देवबंद ने अपनी वेबसाइट पर बच्चों को लेकर एक फतवा जारी किया था। जिसे राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग ने इस फतवे को बच्चों के अधिकार का हनन माना और साथ ही कानून के खिलाफ भी बताया। इसी के साथ ही आयोग ने वेबसाइट में जारी कई फतवों में स्कूल ड्रेस, शारीरिक दंड, किताबों के सिलेबस से जुड़े कई फतवों को कानून के विरुद्ध बताया। जिसके बाद आयोग ने 15 जनवरी को एक नोटिस सहारनपुर के जिलाधिकारी को भेजकर दारुल उलूम की वेबसाइट पर कार्रवाई करने को कहा था। जिसके बाद सहारनपुर डीए ने वेबसाइट पर कार्रवाई करते हुए दारुल उलूम देवबंद की ओर से जारी फतवे को बाल अधिकारों के खिलाफ माना गया है। और संस्था की वेबसाइट को बंद करने के आदेश दिए हैं।
सहारनपुर के देवबंद में स्थित दारुल उलूम इस्लामिक शिक्षा का दुनिया का सबसे बड़ा केंद्र है। दारुल की वेबसाइट पर एक सेक्शन है जहां इस्लाम के अनुयायी सलाह मांगते हैं कि उन्हें क्या करना चाहिए? इन सवालों का जवाब इस्लामिक जानकर कुरान और अन्य धार्मिक ग्रन्थों के आधार पर देते हैं। इन्हीं में से कई फतवे को ‘राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग’ ने पाया कि ये बच्चों के अधिकार का हनन करते हैं साथ ही कानून के खिलाफ भी हैं।