अब अतीत के पन्नों में ही सिमट कर रह जाएगा देहरादून का ‘कनॉट प्लेस’

उपेंद्र सिंह राणा

देहरादून। देहरादून में स्थित कनॉट प्लेस, जो अपने आप में एक सदी का इतिहास लिए हुए है, बहुत जल्द मिट्टी में मिल जाएगा। जल्द ही इसे खाली कराने का काम शुरू होगा और बहुत जल्द इसे जमींदोज कर दिया जाएगा। 40 के दशक में देहरादून में इस इमारत के निर्माण के बाद यहां 150 से अधिक परिवार और 70 के करीब दुकानें हैं।

सन् 1930 से 40 के दशक में देहरादून की ये पहली इमारत थी जो तीन मंजिला बनी थी। उस वक्त देहरादून के धनी सेठ और बैंकर्स रहे मनसाराम ने दिल्ली के कनॉट प्लेस की तर्ज पर इसे बनवाया था। मनसाराम ने बॉम्बे से आर्किटेक्ट बुलाकर इस बिल्डिंग का निर्माण कराया था।  इसके निर्माण के लिए सेठ मनसाराम ने भारत इन्स्योरेन्स से एक लाख 25 हजार रुपये लोन लिया था और इसे मुख्य रूप से विभाजन के समय यहां आने वाले लोगों के लिए तैयार किया गया था। जिससे लोग यहां अपना व्यवसाय कर सकें। लेकिन अब इसे खाली करने और उसके बाद जमींदोज करने की कवायद तेज हो गई है।

इस बिल्डिंग में ऐसे कई लोग रह रहे हैं जो अपनी रोजी रोटी यहां कई दशक से चला रहें हैं।

यहां करीब 82 साल से दुकान चला रहे दुकानदार बताते हैं कि 24 रुपये किराये पर उनके पिता ने मनसाराम से दुकान किराए पर ली थी, तब से ये दुकान उनके पास है। लेकिन LIC उनको बाहर करने के लिए हर कोशिश कर रही है। दुकानदारों का कहना है कि इस उम्र में वो अब कहां जाएंगे।

40 के दशक में तैयार हुई इस ऐतिहासिक इमारत में 150 से अधिक परिवार और 70 से ज्यादा दुकानें बनायी गयी थी। मनसाराम सेठ ने लोन लेकर इस इमारत का निर्माण तो कराया, लेकिन बिल्डिंग तैयार होने के बाद सेठ मनसाराम भारत इन्स्योरेन्स का 1 लाख 25 हजार का लोन वापस नहीं कर पाए और बैंक करप्ट हो गये। जिसके बाद उनकी कई सम्पति पर भारत इन्स्योरेन्स कम्पनी ने अपने कब्जे में ले ली, जिसमे देहरादून के कनॉट प्लेस भी शामिल है, जो बाद में LIC के पास चली गयी और तब से अब तक इमारत में रहने वाले लोगों और LIC के बीच विवाद चल रहा है।

स्थानीय लोगों का कहना है कि इस इमारत को गिरासू बनाया गया है। अगर इसपर समय-समय में मरम्मत होती तो ये गिरासू नहीं बनती। यहां रह रहे लोगों का आरोप है कि इस ऐतिहासिक भवन को गिरासु करार देने के लिए कई फर्जी रिपोर्टें भी लगाई गई। जिसके पीछे एलआईसी की मंशा यहां से लोगों को खाली करवाना है।

हालांकि अब कोर्ट की ओर से भी इसे खाली कराने के आदेश दे दिये गये हैं। उधर, प्रशासन की ओर से भी इमारत को खाली कराने की कार्यवाही आगे बढ़ाई जा रही है, जिस पर जल्द कार्रवाई की जाएगी। पुलिस की ओर से तैयारी कर दी गई है। सितंबर माह में ये इमारत खाली कराई जा सकती है।

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