Navratri: उत्तर प्रदेश के बहराइच में नवरात्रि करीब आते ही माता रानी की मूर्तियों को तेजी से तैयार किया जा रहा है, त्योहारी सीजन में मूर्ति बनाने वाले कारीगरों में चांद बाबू भी हैं। मुसलमान होते हुए भी चांद बाबू का कहना है कि उन्हें हिंदू त्योहारों के लिए मूर्ति बनाने में अच्छा लगता है।
कई कारीगर तकरीबन एक दशक से मूर्ति बनाने का काम कर रहे हैं। उनका कहना है कि कई चीजों से मूर्तियां बनाई जाती हैं लेकिन सबसे ज्यादा डिमांड मिट्टी की मूर्ति की ही रहती है।
कुछ ग्राहक सालों से इन कारीगरों से मूर्तियों को खरीद रहे हैं, ग्राहक नीटू सिंह का कहना है कि तीन अक्टूबर से शुरू होने वाले नवरात्रि के त्योहार को पूरी आस्था और निष्ठा से मनाने की तैयारी है, नवरात्रि के दौरान माता रानी के नौ अलग अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है।
मुस्लिम मूर्तिकारों का कहना है कि “बहुत ज्यादा अच्छा लगता है मूर्ति बनाने में। यहां हम भी छोटा सा गणेश जी बनाकर रखते हैं पंचायती मंदिर में, हमारे यहां तो अष्टभुजा की ही मूर्ति बनती है देवी दुर्गा की। मिट्टी की ही मूर्ति बनती है यहां पर, और किसी की नहीं।
इसके साथ ही खरीदारों ने कहा कि “हर साल की भांति इस साल भी माता भगवति की प्रतिमा का स्थापना कराई जाएगी। नौ दिन माता जी का पूजा किया जाएगा और हमारे यहां मोहल्ले में हर साल माताजी की पूजा होती है। हम लोग कम से कम 10-11 साल से मूर्ति ले रहे हैं। अच्छी मूर्ति मिलती है। रेट भी सही लगाते हैं और वजन भी हल्का रहता है। ये छोटी मूर्ति और बड़ी मूर्ति दोनों बनाते हैं। हम लोग छोटी मूर्ति ही लेते हैं।”