Lucknow: ग्रामीण पर्यटन पर जोर दे रही है योगी सरकार, सभी 75 जिलों में बनाए जा रहे हैं होम स्टे

Lucknow:  उत्तर प्रदेश के देश में टॉप टूरिस्ट प्लेस बनते ही अब योगी सरकार ने ग्रामीण पर्यटन पर ध्यान देना शुरू कर दिया है, योजना के मुताबिक राज्य के सभी 75 जिलों के कई गांवों में होम स्टे बनाए जा रहे हैं। इन होम स्टे में सैलानियों को उत्तर प्रदेश की कला, संस्कृति और पारंपरिक खानपान का स्वाद मिलेगा।

लखनऊ जिले में कठवारा ग्राम पंचायत को ग्रामीण टूरिज्म के लिए चुना गया है। ये गांव लखनऊ से करीब 40 किलोमीटर दूर है, यह गांव अपनी धार्मिक अहमियत के लिए जाना जाता है। मंदिर में चंद्रिका देवी के दर्शन के लिए दूर दूर से भक्त यहां आते हैं।

इस योजना से कठवारा ग्राम पंचायत की अर्थव्यवस्था को भी फायदा मिलने की उम्मीद है। स्थानीय लोगों ने इसका स्वागत करते हुए कहा कि इससे विकास को रफ्तार मिलेगी और रोजगार के मौके भी पैदा होंगे।

ग्रामीण पर्यटन को मथुरा में भी विकसित किया जा रहा है। मथुरा के जैत गांव को ग्रामीण पर्यटन पहल के तहत विकसित करने के लिए चुना गया है, वृंदावन में बांके बिहारी मंदिर से महज पांच किलोमीटर दूर इस गांव में ज्यादातर लोग तुलसी की कंठीमाला बनाते हैं। गांव के तकरीबन हर घर में तुलसी की कंठी और माला बनती है जो भगवान कृष्ण की सबसे पसंदीदा मानी जाती है।

सरकार सैलानियों को ग्रामीण अनुभव देने के लिए गांवों में होम स्टे भी विकसित कर रही है। जैत गांव में होम स्टे के रूप में ऐसे सात घरों की पहचान की गई है। होम स्टे चलाने के तरीके के बारे में घर के मालिकों को खास ट्रेनिंग भी दी गई है।उत्तर प्रदेश के टॉप टूरिस्ट प्लेस बनने का श्रेय बेहतर इन्फ्रास्ट्रक्चर को भी जाता है। पिछले कुछ सालों में उत्तर प्रदेश में सड़क, रेल, जल और हवाई सेवाओं का विस्तार हुआ है। इन सब वजहों से ग्रामीण पर्यटन के क्षेत्र में भी कई गुना इजाफा होने की उम्मीद है।

पर्यटन और संस्कृति के मुख्य सचिव मुकेश कुमार मेश्राम ने बताया कि “उत्तर प्रदेश में गंगा-यमुना का दोआब में 75 जनपदों में अगर हम देखें तो बहुत सारे ऐसे गांव हैं जो शिल्प के लिए, कृषि के लिए, विभिन्न उत्पादों के लिए या सांस्कृतिक तत्वों के लिए पहचाने जाते हैं। पूरे प्रदेश में हमने 229 ऐसे गांव चयनित किए हैं जो किसी न किसी खास विशेषता के लिए जाने जाते हैं और इन गांवों में पर्यटन की असीम संभावनाओं को देखते हुए ताकि लोग जाएं, परिवार के साथ वहां रुकें, वहां का भोजन जो होता है ग्रामीण भोजन, ग्रामीण परिवेश को महसूस करें, समझें। एक्सपीरिनशियल टूरिज्म के अंतर्गत आजकल लोग भीड़-भाड़ से अलग इन स्थानों पर जाना पसंद भी करते हैं। ना केवल उनको विविध जानकारी हो जाती है, बल्कि साथ ही साथ ग्रामीण परिवेश के साथ जीने का मौका भी मिलता है।”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *