Gyanvapi Case : वाराणसी के विवादित ज्ञानवापी परिसर में मिले ‘शिवलिंग’ की जांच को लेकर आज इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई हुई और कोर्ट ने शिवलिंग का साइंटिफिक सर्वे किए जाने का आदेश जारी किये अब आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ASI) शिवलिंग का साइंटिफिक सर्वे करेगी. कोर्ट ने ASI को ‘शिवलिंग’ की कार्बन डेटिंग करने की इजाजत दे दी है.
ज्ञानवापी परिसर में मिले शिवलिंग के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट का आज बड़ा फैसला सुनाया है, शिवलिंग के साइंटिफिक सर्वे किए जाने का आदेश जारी हो गये हैं और ASI को शिवलिंग का साइंटिफिक सर्वे करना होगा. कोर्ट ने आदेश जारी किये हैं कि शिवलिंग को बिना नुकसान पहुंचाए साइंटिफिक सर्वे करना होगा और इस सर्वे से यह पता लगाना होगा कि यह वास्तव में शिवलिंग है या नहीं और अगर है तो कितना पुराना है.
Gyanvapi Case :
हाईकोर्ट में याचिका :
शिवलिंग की कार्बन डेटिंग और साइंटिफिक सर्वे की मांग को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की गयी थी, इस मामले पर देश में सियासत भी गरमा गयी थी. आज कोर्ट ने फैसला सुनते हुए को सर्वे की मांग को मंजूर किया और संबंधित विभागों को सर्वेक्षण करने के निर्देश दिए, हालांकि इससे पहले निचली अदालत ने हिंदू पक्ष की याचिका को खारिज कर दिया था. जिसके बाद हिंदू पक्ष की महिलाओं ने हाईकोर्ट में निचली अदालत के फैसले को चुनौती भी दी थी.
Gyanvapi Case : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वाराणसी के जिला जज के फैसले को बदला दिया है, आज जस्टिस अरविंद कुमार मिश्र की सिंगल बेंच में मामले की सुनवाई हुई. बता दें कि कुछ समय पहले ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में कमीशन कार्यवाही की गई थी उस समय सर्वे के दौरान परिसर में 16 मई 2022 को कथित तौर पर ‘शिवलिंग’ मिला था, जिसके बाद ASI से इसका साइंटिफिक सर्वे कराए जाने के लिए वाराणसी की जिला अदालत में याचिका दाखिल की गई थी, लेकिन कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी. कोर्ट ने कहा था कि यह मामला सुप्रीम कोर्ट में है, इसलिए सिविल कोर्ट के पास आदेश देने का हक नहीं है. जिसके बाद मामला हाईकोर्ट में गया और आज बड़ा फैसला सुनाया गया.