Ayodhya News: रामनगरी अयोध्या ऐतिहासिक, पौराणिक, कथाओं के अवशेषों से भरी है और कण-कण में राम बसते हैं। यहां एक ऐसा पेड़ है जो जपता है रामनाम यानि इसके तनों पर रामनाम अंकित होता है जिसे देखकर वैज्ञानिक भी हैरान हो गए हैं।
अयोध्या में तकपुरा गांव के पास हाईवे से सटा हुआ निरंकारपुर गांव आजकल बहुत प्रसिद्ध हो रहा है, यहां एक रामनामी वृक्ष है इसकी खासियत यह है कि इस वृक्ष पर राम नाम खुद ही अंकित होता रहता है। यह वृक्ष अयोध्या के साथ ही दूरदराज क्षेत्रों के श्रद्धालुओं के लिए भी आस्था का केंद्र बना हुआ है। पितृपक्ष की अमावस्या पर एक बड़े मेले का आयोजन भी होता है इस दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु इस वृक्ष की पूजन-अर्चन करते हैं।
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अयोध्या के निरंकारपुर गांव में एक ऐसा वृक्ष है, जिसके तनों पर राम नाम अंकित होता है। मान्यता है कि जब भगवान हनुमान जी संजीवनी बूटी लेकर जा रहे थे तब भरत ने बाण मारा था और यह बाण जहां पर गिरा, वहीं इस वृक्ष की उत्पत्ति हुई थी। गांव के लोगों ने इस वृक्ष को संरक्षित किया हुआ है और पूरी श्रद्धा के साथ इसकी पूजा अर्चना करते हैं। इस वृक्ष को देखकर वैज्ञानिक भी हुए हैरान हो गए हैं।
वृक्ष के ऊपर शोध कर रहे डॉ विनोद चौधरी का कहना है कि मालवेसी कुल का यह वृक्ष दक्षिण भारत के कर्नाटक में पाया जाता है जो औषधीय गुणों भरा हुआ है और इसीलिए दक्षिण भारत में बड़े पैमाने पर इसका दोहन हुआ। उन्होंने कहा कि अभी तक इस बात का पता नहीं चल पा रहा है कि कर्नाटक में पाए जाने वाले इसी वृक्ष में राम नाम अंकित होने जैसी कोई रिपोर्ट नहीं है, बल्कि राम नगरी अयोध्या के इस वृक्ष में प्राकृतिक रूप से राम नाम का अंकित होना अभी भी वैज्ञानिकों के लिए चैलेंज का विषय बना हुआ है।
Ayodhya News: वहीं लोगों का कहना है कि अयोध्या के कण-कण में राम बस्ते हैं और वृक्ष में भगवान राम का नाम अंकित होना बड़ी बात है, आज अयोध्या के मठ मंदिरों के साथ-साथ सरकार को इस अलौकिक वृक्ष को संरक्षित करना चाहिए।