Agra: वैसे तो उत्तर प्रदेश का आगरा पूरी दुनिया में ताजहमल के लिए मशहूर है लेकिन कुछ और भी चीजें ऐसी हैं जो आपको यहां के अलावा शायद ही कहीं देखने को मिलें। जिला जेल के बाहर चौपाटी भी इनमें से एक है। आम तौर जेलों के बाहर इस तरह का कोई इंतजाम नहीं होता है लेकिन कैदियों से मिलने आने वालों के लिए आगरा जेल परिसर में खास इंतजाम किया गया है।
जेल परिसर के बाहर बनाई गई चौपाटी में चाय ,समोसे, चावल, दाल- सब्जी और मिठाइयों सहित पूरा खाना मिलता है, जेल चौपाटी में पूर्व कैदियों को काम पर रखा जाता है। छोटे अपराधों के लिए जेल भेजे गए कैदियों को छूटने के बाद चौपाटी में काम करने का मौका मिलता है। चौपाटी में मिलने वाले खाने के सभी आइटम यही लोग तैयार करते हैं।
यह पहल उत्तर प्रदेश सरकार की उस योजना का हिस्सा है जिसके तहत छोटे अपराधी जेल से छूटने के बाद फिर से जुर्म के रास्ते पर न लौट जाएं, इस पूरी मुहिम के पीछे सरकार और जेल अधिकारियों की सोच ये भी है कि उन लोगों को काम मिल जाए जो फिर अपराध की दुनिया में नहीं लौटना चाहते क्योंकि इस बात से कोई इनकार नहीं कर सकता कि जेल से छूटे शख्स को समाज जल्दी से पनाह नहीं देता।
जेल मंत्री धर्मवीर प्रजापति का कहना है कि “जेलों में हर कैदी पेशेवर अपराधी नहीं है। तमाम अनायास घटना बन जाती है और वो कैदी बन जाते हैं। युवाओं की बहुत बड़ी संख्या जेल में है, जो युवा हमारा भविष्य है देश का प्रदेश का। किसी भी कारण से युवा हमारा देश का प्रदेश का भविष्य न बन पाए, तो अपने घर का भविष्य तो हर युवा है। और 80 परसेंट जेल में है तो ये एक चिंता का कारण है। इसलिए हमने सभी जेलों को एमएसएमई कौशल विकास से जोड़ा है। उन नौजवानों को हम ट्रेनिंग करा रहे हैं और कोशिश कर रहे हैं कि जब वो जेल से बाहर जाए, स्वरोजगार हो जाए।”