Punjab: आंदोलन कर रहे किसान जो बीमार हो रहे उन्हें मेडिकल सहायता के लिए शंभू बॉर्डर पर लगभग आधा दर्जन कैंप लगाई गई हैं। यहां पर मिलने वाली सुविधाएं मुफ्त हैं। कैंप के प्रमुख देविंदर सिंह ने कहा कि हम पिछले चार दिनों से यहां काम कर रहे हैं। ये सुनिश्चित करते हैं कि यहां हर सुविधा उपलब्ध हो, हमारे सभी वॉलिंटियर यहां सेवा के लिए तैयार हैं। ये सभी किसानों की सेवा के लिए तत्पर हैं।
यह कैंप किसानों को जरूरी सेवाएं दे रहे हैं। यहां दर्द, खांसी, बुखार की दवा और ऑक्सीजन थेरेपी दी जा रही है। वॉलिंटियर सतनाम सिंह ने कहा, “हम यहां सभी जरूरी दवाएं दे रहे हैं, जिनमें दर्द, बुखार और ऑक्सीजन थेरेपी शामिल हैं। हम हर जरूरतमंद को पूरी सहायता देने की कोशिश कर रहे हैं। यहां तक कि आंसू गैस से बचने के लिए आंखों के कपड़े भी बांट रहे हैं।”
कई वॉलिंटियर जो किसी भी गैर-सरकारी संगठन से नहीं जुड़े हैं, अपने पैसे से दवा बांट रहे हैं। जालंधर से हिना ने कहा कि “हम बुजुर्ग किसानों की सहायता के लिए 13 फरवरी किसान आंदोलन की शुरुआत से ही मौजूद हैं। हम पैसे की मांग किए बिना काम करते हैं।” किसान इस अहम समय के दौरान उनके समर्थन के लिए इन कोशिश की सराहना करते हैं।
आंसू गैस के गोले से घायल हुए किसान जितेंद्र सिंह ने कहा कि “हम शुरू से ही शांतिपूर्वक विरोध कर रहे हैं, लेकिन आंसू गैस के गोले का सामना करना पड़ा। आंसू गैस के गोले के कारण मेरे सिर में चोट लग गई, यह लोग हमारी मदद के लिए आए हैं।” घायल किसानों का कहना है कि “जब हम पहले दिन यहां आये तो हम यहां शांति से रूके थे, हरियाणा सरकार ने ये कहकर हम पर बम और पत्थर फेंके कि तुम यहां हल्ला करते हो। उन्होंने हम पर आंसू गैस छोड़ी जो मेके सिर पर लगी, इसलिए हम इस वैन से ड्रेसिंग कराते आये और हमें भी लगा कि वे हमारे साथ कितना अच्छा काम कर रहे हैं।”