Manipur Violence: मणिपुर हिंसा पर गृहमंत्री अमित शाह की प्रेस कॉन्फ्रेंस, कहा- हिंसा की वजह गलतफहमी

Manipur Violence: गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने मणिपुर हिंसा पर ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया। उन्होंने कहा, मणिपुर हिंसा की वजह गलतफहमी है। भारत सरकार हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के लेवल के रिटायर्ड जज से हिंसा की जांच पूरी करवाएगा। सीबीआई (CBI) भी हिंसा से जुड़े केस की जांच करेगी कल से सर्च ऑपरेशन शुरू हो जाएगा।

अमित शाह मणिपुर के 4 दिन के दौरे पर हैं और आज उनके दौरे का आखिरी दिन है। उन्होंने कहा- मैंने तीन दिनों तक हिंसाग्रस्त क्षेत्रों का दौरा किया है। राज्य के कैबिनेट मंत्रियों समेत हर समुदाय के साथ मेरी बैठक हो चुकी है। इसके लिए एक आयोग का गठन होगा। साथ ही भारत सरकार एक शांति समिति का भी गठन करेगी। मणिपुर में ढेर सारी एजेंसियां काम कर रही है।
अमित शाह ने कहा, हिंसा में मारे गए लोगों को उनके परिवार वालों को केंद्र और राज्य सरकार की तरफ से 5-5 लाख का मुआवजा दिया जाएगा। वहीं 6 मामलों की जांच सीबीआई का विशेष दल करेगा। इस दौरान गृहमंत्री ने सभी लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की। उन्होंने कहा, अफवाहों पर कतई ध्यान न दें। अब राज्य में स्थिति ठीक है।

Manipur Violence:

कब बहाल होगी रेलवे सेवा? Manipur Violence:

गृहमंत्री ने राज्य में स्थिति बेहतर होने की जानकारी देते हुए कहा, 15 पेट्रोल पंप चयनित किए गए हैं, जो दिन-रात खुले रहेंगे। रेल से भी मणिपुर में सप्लाई शुरू कर दी जाएगी। इन सब तरीकों से राज्य में जिन चीजों की कमी हो रही है, उन्हें पूरा किया जाएगा। 2-3 तीन दिन के भीतर रेलवे सेवा(IndianRailways) बहाल कर दी जाएगी।

हिंसा के चलते अब तक 80 लोगों की जान गई

मणिपुर में 3 मई से हिंसा जारी है। राजधानी इंफाल(Imphal) से लगे सेरौ और सुगनू इलाके में रविवार को हिंसक झड़प हुई थी। इसमें 1 पुलिसकर्मी समेत 5 लोगों की मौत हो गई, जबकि 12 घायल हुए हैं। राज्य में हिंसा के चलते अब तक करीब 80 लोगों की जान गई है। सेना ने अबतक 2,000 ग्रामीणों को सुरक्षित निकाला है।

मणिपुर में हिंसा की क्या वजह?

Manipur Violence: मणिपुर में हालिया हिंसा का कारण मैतेई आरक्षण (Meitei) को माना जा सकता है। 29 अप्रैल को मणिपुर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति (एसटी) में शामिल करने पर विचार करने के आदेश जारी किए हैं। जिसके बाद से राज्य में दो ग्रुप के बीच में हिंसा भड़क उठी थी। पिछले साल अगस्त में मुख्यमंत्री बीरेन सिंह(Biren Singh) की सरकार ने चूराचांदपुर के वनक्षेत्र में बसे नगा और कुकी जनजाति को घुसपैठिए बताते हुए वहां से निकालने के आदेश दिए थे। इससे नगा-कुकी(Kuki) नाराज चल रहे थे। मैतेई हिंदू धर्मावलंबी हैं, जबकि एसटी वर्ग के अधिकांश नगा और कुकी ईसाई धर्म को मानने वाले हैं।

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