Maharashtra: महाराष्ट्र केअहमदनगर जिले का नाम बदलने का ऐलान, क्यों रखा गया अहिल्याबाई होल्कर?

Maharashtra:  राजनीति में नाम बदलने का चलन जारी है। महाराष्ट्र की शिंदे सरकार ने आज अहमद नगर जिले का नाम बदलकर अहिल्याबाई होल्कर करने का ऐलान किया है। सीएम एकनाथ शिंदे ने बुधवार को अहिल्याबाई होल्कर की जयंती पर यह ऐलान किया। जिले का नाम बदलने की मांग लगातार की जा रही थी। बुधवार को सीएम शिंदे अहिल्याबाई के जन्म स्थल पहुंचे। उनके साथ डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस भी मौजूद थे। हाल ही में औरंगाबाद का नाम बदलकर ‘छत्रपति संभाजीनगर’ और उस्मानाबाद का नाम बदलकर ‘धाराशिव’ किया गया था।

बता दें कि इंदौर हवाईअड्डे का नाम ‘देवी अहिल्याबाई होल्कर हवाईअड्डा’ रखा गया है, उनके नाम पर मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र (सोलापुर) में दो विश्वविद्यालयों का नाम रखा गया है। उनकी स्मृति में कई सड़कों, इमारतों, सार्वजनिक स्थानों का नामकरण किया गया है।

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जानिएं कौन थीं अहिल्याबाई होलकर?

 अहिल्याबाई होलकर का जन्म 31 मई 1725 को महाराष्ट्र के जन्म अहमदनगर जिले के चौंडी गांव में एक मराठी परिवार में हुआ था। महारानी अहिल्याबाई होल्कर भारत के मालवा साम्राज्य की मराठा होलकर महारानी थी। उनके पिता मंकोजी राव शिंदे, अपने गाव के पाटिल थे। उस समय महिलाये स्कूल नही जाती थी, लेकिन अहिल्याबाई के पिता ने उन्हें शिक्षा दी। बचपन से ही उनके भीतर लोगों की मदद करने की ललक थी। कम उम्र(1733) में उनकी शादी खंडेराव के साथ कर दी गई थी।1754 में कुम्भेर युद्ध में खंडेराव वीरगति को प्राप्त हुए।12 साल बाद उनके ससुर मल्हार राव होल्कर की भी मृत्यु हो गयी। बाद में अहिल्यादेवी को होल्कर साम्राज्य की कमान सौंप दी गई। उन्हें मालवा साम्राज्य की महारानी का ताज पहनाया गया।

Maharashtra: उन्हे भारत के इतिहास के सर्वश्रेष्ठ रानियों में से एक माना जाता है। भारत -भर के अलग-अलग हिस्सों में प्रसिद्ध तीर्थ स्थलों और कई धर्मशालाएं बनाने का श्रेय अहिल्या बाई होल्कर को जाता है। सोमनाथ मंदिर के जीर्णोद्धार से लेकर विश्व प्रसिद्ध काशी विश्वनाथ मंदिर का निर्माण कराए जाने का श्रेय भी इन्हें ही जाता है। 13 अगस्त 1795 में उन्होंने आखिरी सांस ली।

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