Election 2024: लोकसभा चुनाव को लेकर अजमेर के लोगों की बड़ी उम्मीदें

Election 2024: राजस्थान में अजमेर के पास पुष्कर सरोवर दुनिया भर में मशहूर है, इस तीर्थ में नहाने के लिए 52 घाट हैं, लेकिन सरोवर की गंदगी और सफाई का अभाव चिंता का विषय है। लोगों का कहना है कि 2024 लोकसभा चुनाव के दौरान इस मुद्दे पर ध्यान देना चाहिए।

लोगों का कहना है कि सरकार ने बेशक स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट शुरू किया, लेकिन इसका काम बेहद धीमी गति से चल रहा है। लोगों ने मांग रखी कि किशनगढ़ में बने हवाई अड्डे से ज्यादा उड़ान संचालित होनी चाहिए। लोगों का मानना ​​है कि हवाई अड्डे के बेहतर होने से न सिर्फ यहां व्यापार और धार्मिक टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि व्यापारियों के लिए किशनगढ़ की मार्बल मंडी तक जाने का रास्ता भी खुल जाएगा।

छात्रों की मांग है कि अजमेर और कोटा के बीच रेलवे लाइन बिछाई जाए, ताकि दोनों शहरों के बीच आसानी से आना-जाना हो सके। कोटा में शिक्षा के कई केंद्र हैं। 18वीं लोकसभा के सदस्यों को चुनने के लिए आम चुनाव अप्रैल-मई में होने के आसार हैं।

निवासियों का कहना है कि “अजमेर के जो सांसद हैं पांच साल हो गए हैं वो कहीं नजर नहीं आए हैं। अगर मैं बात करूं विकास की तो विकास कहीं नजर नहीं आ रहा है। मैं पुष्कर सरोवर की बात कर रहा हूं कि एक तरफ से धर्म की, आस्था को लेकर माहौल बनाया हुआ है लेकिन पुष्कर सरोवर में जो गंदा पानी आता है उसकी रोकथाम के लिए ऐसा कोई उचित कदम उठाया ही नहीं है सरकार ने। पुष्कर सरोवर में जो बार-बार सीवरेज का पानी उसमें जा रहा है उसको लेकर कांग्रेस सरकार जो पिछली थी वो भी उसके लिए काम करना चाहती थी। इससे पहले भाजपा और कांग्रेस दोनों सरकारों ने कहा कि सीवरेज का पानी पुष्कर सरोवर में नहीं जाना चाहिए, उसके लिए डीपीआर भी उन्होंने तैयार कराई। लेकिन ये काम बड़ी धीमी गति से है। श्रद्धालुओं की आस्था वहां बहुत ज्यादा है इसे देखते हुए वहां सरकार को तुरंत इसमें कार्रवाई करनी चाहिए।”

इसके साथ ही कहा कि “आस-पास के इलाके में जैसे दिल्ली, जयपुर, अहमदाबाद, गोवा और साउथ की तरफ में फ्लाइट चालू करें। अभी ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है, ना हम देख रहे हैं मतलब जनता बहुत परेशान है। एयरपोर्ट केवल नाम के लिए बना है यहां पर। बहुत बेकार हालत है एयरपोर्ट की। आज किशनगढ़ एयरपोर्ट की दुर्दशा है वो बिल्कुल आम लोगों के काम नहीं आ रहा है और ना तो यहां से कोई लंबी उड़ानें जा रही हैं जबकि पुष्कर और अजमेर की वजह से यहां पर काफी विकल्प है। लेकिन इस एयरपोर्ट पर सरकार ध्यान नहीं दे रही है और उड़ानें बराबर से मौजूद नहीं हैं।”

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